उत्तराखंड में कोरोना ने फिर बढ़ाई टेंशन, लगातार बढ़ रहे मामले और जांच हुई कम; Omicron से भी डर

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देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच जांच में कमी आ रही है। सरकार की ओर से तय लक्ष्य से 80 प्रतिशत कम जांच हो रही है। इससे संक्रमण की वास्तिवक स्थिति का पता चल पाना मुश्किल है। वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान को लेकर डर भी बढ़ रहा है।

एसडीसी फाउंडेशन की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में प्रतिदिन औसत आठ हजार के करीब सैंपल की जांच हो रही है। जबकि, कोरोना के चरम पर रहते एक दिन में 40 हजार सैंपल की जांच का लक्ष्य तय किया गया था। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि संक्रमण की बढ़ती आशंका के बावजूद इतने कम सैंपल की जांच दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार को जांच बढ़ाने पर विशेष फोकस करना चाहिए। फाउंडेशन की ओर से कोरोनाकाल के 89वें सप्ताह की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा गया है कि इस सप्ताह राज्य में कोरोना के 88 नए मामले आए, जबकि 121 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं। इस सप्ताह कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में तीन व्यक्तियों की मौत हुई है। यही नहीं बढ़ते संक्रमण की वजह से राज्य में कंटेनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 89वें सप्ताह में राज्य में 55 हजार के करीब सैंपल की जांच ही हुई।

सेना के तीन जवान व एक जेसीओ कोरोना पाजिटिव

दून में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, तिब्बती कालोनी के बाद अब चकराता में सेना के तीन जवान व एक जेसीओ की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है, जिन्हें वहीं सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। इन सभी की स्थिति सामान्य बताई गई है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सेना के जेसीओ ने तबीयत खराब होने पर अपनी जांच कराई थी।

इसमें कोरोना की पुष्टि हुई, जिसके बाद उनके संपर्क में आए 57 लोग ट्रेस किए गए, जिनकी जांच कराई गई। इनमें तीन जवान संक्रमित मिले। सेना के स्तर पर ही इनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है और सभी की स्थिति फिलहाल सामान्य है। डा. दीक्षित ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, सैन्य प्रशासन से लगातार संपर्क में है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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