उत्तराखंड में कोरोना से मौतें सरकारी की लापरवाही से हुई। सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों के कारण लोग मारे गए। अब डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। इसे फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप क्या कर रहे हैं? क्या सरकार अब तक यही सोच रही है कि डेल्टा प्लस तैयारियां पूरी होने के बाद अटैक करेगा? ये सख्त टिप्पणी बुधवार को मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने की। अदालत प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और चारधाम यात्रा शुरू करने के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने 700 पेज का शपथपत्र कोर्ट में पेश किया। मुख्य सचिव ओम प्रकाश, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और पर्यटन सचिव डॉक्टर आशीष चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। अदालत ने सरकार की तरफ से पेश शपथ पत्र को भ्रामक और कोर्ट को गुमराह करने वाला है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोविड के नियमों का अनुपालन नहीं किया। हाल ही में गंगा दशहरा पर हजारों लोगों ने हरकी पैड़ी में स्नान किया, लेकिन सरकार नदारद थी। अदालत ने कहा ये सरकार की आधी अधूरी व्यवस्थाओं का प्रमाण है। कोर्ट ने 7 जुलाई से दोबारा विभिन्न बिंदुओं पर सरकार से जवाब तलब किया है और शपथ पत्र के साथ मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव से मौजूद रहने को कहा है।