उत्तराखंड में खत्म होंगे 14 एलिफेंट रिजर्व, विकास परियोजनाओं में बन रहे थे बाधा 

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प्रदेश में विकास परियोजना की राह से वाइल्ड लाइफ का अड़ंगा दूर करने के लिए सरकार शिवालिक सहित प्रदेश में 14 एलिफेंट रिजर्व खत्म करने जा  रही है। आज (मंगलवार) होने वाली स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।बोर्ड बैठक के लिए तैयार प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में दून से लेकर शारदा नदी तक करीब 5200 वर्ग किलोमीटर का एरिया एलिफेंट रिजर्व के नाम पर नोटिफाई है।प्रदेश में 14 जगह एलिफेंट कोरिडोर हैं। इनके आसपास के क्षेत्रों को एलिफेंट रिजर्व के नाम से राज्य सरकार ने नोटिफाई किया है। शिवालिक रिजर्व के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार में दिक्कत आ रही है। इस कारण सरकार शिवालिक समेत अन्य एलिफेंट रिजर्व को डिनोटिफाई करने जा रही है।वन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सरकार को पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। बोर्ड को एलिफेंट रिजर्व या अन्य संरक्षित क्षेत्रों के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव पास नहीं करना चाहिए।रकार को एयरपोर्ट के विस्तार के लिए कहीं और जमीन देखनी चाहिए। एलिफेंट रिजर्व खत्म करने से राज्य में हाथी और इंसानों के बीच और संघर्ष बढ़ेगा। इसके अलावा जंगल भी खत्म होंगे। केंद्र की ओर से एलिफेंट रिजर्व का कोई प्रावधान नहीं है। हमने ही हाथी कोरिडोरों को सुरक्षित रखने के लिए आसपास के एरिया को एलिफेंट रिजर्व के रूप में नोटिफाई किया है। इसका कोई फायदा नहीं। अब हम इन्हें डिनोटिफाई कर खत्म कर रहे हैं। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में इसका प्रस्ताव रखा जा रहा है।

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