देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी विद्यालय भी आने वाले दिनों में निजी स्कूलों को टक्कर देते नजर आएंगे। इस कड़ी में सरकार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रदेश के सभी 95 विकासखंडों में अंग्रेजी माध्यम के दो-दो स्कूल खोलने जा रही है। कक्षा एक से 12 वीं तक के ये स्कूल सीबीएसई से संबद्ध होंगे और इनके लिए शिक्षकों का कैडर भी अलग से होगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में शिक्षा सचिव को इस संबंध में निर्देश दिए।
प्रदेश में बड़ी संख्या में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के सरकारी स्कूल तो खुले हैं, मगर ये नौनिहालों को नहीं खींच पा रहे। इसके उलट निजी स्कूलों में दाखिले को मारामारी जैसा आलम है। यही नहीं, गांवों से हो रहे पलायन के पीछे भी एक बड़ी वजह नौनिहालों की बेहतर शिक्षा का अभाव रहा है। अब सरकार की मंशा निजी स्कूलों से दो-दो हाथ की तैयारी है। इसी कड़ी में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अधिकारियों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू की जाने वाली योजना पर मंथन किया। साथ ही इसके क्रियान्वयन के मद्देनजर शिक्षा सचिव को निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री पांडेय ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक विकासखंड में कक्षा एक से 12 वीं तक के दो विद्यालय चयनित कर उन्हें अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में उच्चीकृत किया जाएगा। यदि कहीं भवन की दिक्कत होगी तो इसकी व्यवस्था की जाएगी। सीबीएसई से संबद्ध इन अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के लिए शिक्षकों का कैडर अलग होगा। उनकी अलग से भर्ती की जाएगी। राष्ट्रीय व दैवीय आपदा को छोड़ इन विद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षा से इतर अन्य किसी कार्य में नहीं लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि योजना का मकसद ये भी है कि अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देकर कीर्तमान स्थापित किए जा सकें। इससे राज्य में 95 छोटे-छोटे नए शिक्षा हब विकसित होंगे। प्रत्येक विद्यालय के लिए एक सामाजिक आदेश टीम का प्रविधान भी किया जाएगा, जिसे ‘शिक्षा पंचायत’ नाम दिया जा सकता है।