ऋषिकेश। उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को सरकार निश्शुल्क स्मार्ट टैब उपलब्ध कराएगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार की इस योजना में पांच सौ करोड़ रुपये का व्यय किया जा रहा है। इससे प्रदेश के 27 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे। यह योजना इसी सत्र में लागू की जा रही है।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्विविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में सोमवार को कालेज के लिए 20 अगस्त 1973 में 49.02 एकड़ भूमि दान करने वाले श्रीभरत मंदिर परिवार के स्व. पं. ललित मोहन शर्मा की मूर्ति का अनावरण किया गया। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, महापौर अनीता ममगाईं और विवि के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी ने महाविद्यालय परिसर में संयुक्त रूप से पं. ललित मोहन शर्मा की मूर्ति का अनवरण किया।
उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा प्रत्येक छात्र का मौलिक अधिकार है और सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए हर तरह का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रत्येक छात्र को पंद्रह-पंद्रह हजार रुपये कीमत का टैब प्रदान करने का बड़ा फैसला लिया है।
इसी सत्र में छात्रों को स्मार्ट टैब उपलब्ध कराए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के एकमात्र महाविद्यालय में आटोनोमस व्यवस्था के चलते छात्रों को प्रवेश से वंचित रहना पड़ रहा था। मगर, अब श्रीदेव सुमन विवि का कैंपस बन जाने से अधिक छात्र महाविद्यालय में उच्च शिक्षा हासिल कर पाएंगे। छात्रों को अधिक पाठ्यक्रम भी यहां उपलब्ध होंगे।
उन्होंने भूमि दान के लिए श्री भरत मंदिर परिवार का आभार व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष ने महाविद्यालय में आंतिरिक सड़कों के निर्माण के लिए विधायक निधि से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि श्रीदेव सुमन विवि का ऋषिकेश परिसर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाएगा। विवि के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी ने कहा कि ऋषिकेश परिसर श्रीदेव सुमन विवि का एक आदर्श परिसर होगा।
उन्होंने कहा कि यहां उपलब्ध भूमि का उपयोग इस परिसर को विश्वस्तरीय बनाने में किया जाएगा। इस अवसर पर भूमि दान के लिए श्री भरत मंदिर परिवार के मुखिया हर्षवर्धन शर्मा, महंत वत्सल शर्मा, वरुण शर्मा, मंजरी शर्मा, गीता कुकरेती, सुधीर कुकरेती, मानषी शर्मा व स्वाति शर्मा को भी सम्मानित किया गया।