उत्तराखंड में पर्यटकों के कदम थमे, अब सूना पड़ा राजाजी पार्क

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कोविड-19 की दहशत का असर उत्तराखंड के पर्यटन पर सबसे अधिक पड़ा है। राजाजी नेशनल पार्क भी इससे अछूता नहीं रहा। पर्यटकों से हमेशा गुलजार रहने वाला पार्क सूना पड़ा है। पार्क खुलने के बाद से अब तक मात्र 9510 पर्यटक ही सफारी करने आए हैं। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या मात्र चार है। पार्क प्रशासन के मुताबिक कोविड के डर के चलते विगत सालों की तुलना में इस बार एक चौथाई पर्यटक ही पहुंचे हैं।देशी और विदेशी पर्यटकों को राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क खुलने का बेसब्री से इंतजार होता है। हर साल पार्क 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खुलता है और 15 जून को बंद हो जाता है। पार्क की प्रमुख चार रेंज हैं, जहां पर्यटक सफारी का आनंद उठाते हैं। पार्क में टाइगर, भालू, तेंदुआ, हाथी, बारहसिंघा और हिरणों की अधिकतर प्रजातियां हैं। इनके अलावा कई प्रजातियों की चिड़ियां भी हैं।चीला और मोतीचूर रेंज एडवांस फुल रहता था। लेकिन इस सीजन में कोविड के चलते पर्यटकों के कदम रुकने से पार्क सुनसान है। पार्क प्रशासन के मुताबिक 20 फरवरी तक पार्क में मात्र 4 विदेशी और 9506 पर्यटक सफारी करने आए हैं। इनकी संख्या विगत सालों की तुलना में एक चौथाई से कम है। मोतीचूर रेंज को फिलहाल सफारी के लिए बंद किया है। इस रेंज में जिम कार्बेट पार्क से बाघ-बाघिन शिफ्ट किए गए हैं। रेंज – देशी पर्यटक – विदेशी पर्यटक
चीला –  8556   – 04
मोहंड –   626    – 00
रानीपुर –  324    – 00
मोतीचूर –  00    – 00
कुल –     9506  – 04

राजाजी पार्क की चारों रेंज पर्यटकों की पसंदीदा हैं। इनमें भी मोतीचूर रेंज बंद है। रेंजों में 56 जिप्सी पंजीकृत हैं। इनके चालक और गाइड की रोजी-रोटी पर्यटकों की आमद पर निर्भर रहती है। इस साल पर्यटक नहीं आने से चालकों और गाइड को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है।

राजाजी पार्क खुलने के बाद से अब तक मात्र 9510 पर्यटकों ने सफारी की है। इनमें भी सिर्फ चार विदेशी पर्यटक आए हैं। विगत सालों की तुलना में पर्यटकों की संख्या एक चौथाई भी नहीं है। इस बार कोविड की दहशत से देशी और विदेशी पर्यटक नहीं आए हैं।
– ललता प्रसाद टम्टा, वार्डन, राजाजी पार्क

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