देहरादून। रोमांच के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर। उत्तराखंड में अब 42 नई चोटियों (पर्वत शिखरों) की राह भी खुल गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन के तहत पर्वतारोहण और ट्रैकिंग गतिविधियों के लिए इन्हें खोलने को मंजूरी दे दी है। राज्य में 84 चोटियां पहले ही पर्वतारोहण, ट्रैकिंग के लिए खुली हुई हैं। नई चोटियों में यह गतिविधियां शुरू करने के मद्देनजर प्रदेश सरकार कवायद में जुट गई है। इस कड़ी में परमिट की प्रक्रिया का सरलीकरण करने के साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा।
उत्तराखंड के पर्वत शिखर पर्वतारोहियों और ट्रैकिंग के दीवानों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। राज्य में हर साल 24 से 30 के लगभग पर्वतारोहण अभियान होते हैं। इनसे शुल्क आदि से सरकार को प्रतिवर्ष औसतन 18 से 20 लाख की आय होती है। साहसिक पर्यटन की गतिविधियों में शुमार पर्वतारोहण व ट्रैकिंग की तरफ राज्य में ओर रुझान बढ़े, इसके लिए सरकार ने केंद्र में दस्तक दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गत वर्ष इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी। अब 42 नई चोटियों को पर्वतारोहण, ट्रैकिंग के लिए खोलने को हरी झंडी दी है।
इसके साथ ही राज्य सरकार भी सक्रिय हो गई है। वन विभाग और पर्यटन विभाग के आला अफसरों ने इस सिलसिले में मंथन किया। साथ ही इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के प्रतिनिधियों से भी विमर्श किया, ताकि नई चोटियों पर पर्वतारोहण व ट्रैकिंग की गतिविधियां शुरू हो सकें। सूत्रों के अनुसार गतिविधियों के दौरान सुरक्षा के साथ ही सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन के जरिये स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराने पर खास जोर दिया गया। ये बात भी सामने आई कि राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित इन चोटियों में संरक्षित क्षेत्र भी हैं। लिहाजा, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है।
प्रमुख सचिव वन आनंद बर्धन के अनुसार पर्यटन विभाग को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। यह भी तय किया गया कि नई चोटियों के साथ ही पहले से खुली चोटियों के लिए होने वाले पर्वतारोहण अभियानों में परमिट तुरंत जारी होने चाहिएं। इसके लिए प्रक्रिया के सरलीकरण के साथ ही परमिट जारी करने को सिंगल विंडो सिस्टम वन विभाग में लागू करने का निर्णय लिया गया। वन विभाग 15 दिन में इसका खाका तैयार कर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि इंडियन माउंटनियरिंग फेडरेशन ने हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की भांति उत्तराखंड में भी पर्वतारोहण व ट्रैकिंग को शुल्क मुक्त रखने की मांग की गई है। इसका परीक्षण कराया जा रहा है। इस बारे में फैसला उच्च स्तर पर लिया जाना है।