उत्तराखंड में बाघ संरक्षण के लिए किए जा रहे है उत्कृष्ट कार्य

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देहरादून। देश में बाघों के बढ़ते कुनबे और इनके संरक्षण के प्रयासों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तारीफ किए जाने से उत्तराखंड को भी संबल मिला है। बाघ संरक्षण में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभा रहा है और यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संख्या के लिहाज से यह सूबा मध्य प्रदेश और कर्नाटक के बाद देश में तीसरे स्थान पर है। यही नहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व के एक हिस्से में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्बेट से पांच बाघ शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

बाघ संरक्षण के नजरिये से देखें तो उत्तराखंड ने देश में अपनी छाप छोड़ी है। वर्ष 2010 में यहां बाघों की संख्या 227 थी, जो 2014 में 340 और 2018 में बढ़कर 442 हो गई। विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को बाघों का मुख्य घर है। करीब 250 बाघों की संख्या वाला यह रिजर्व घनत्व के मामले में देश के सभी टाइगर रिजर्व में अव्वल है।

जाहिर है कि उत्तराखंड की सरजमीं बाघों को खूब रास आ रही है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में देशभर में बाघ संरक्षण के प्रयासों की सराहना किए जाने से उत्तराखंड भी गदगद है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने राज्य का नाम तो नहीं लिया, लेकिन बाघ संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों की तारीफ से यहां भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में बाघ संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। राज्य यहां की जैव विविधता, पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध है। बाघों की लगातार बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा, 2014 की तुलना में 2018 में कराई गई गणना में बाघों की संख्या बढ़ी है।

‘उन्होंने कहा कि अब राज्य में पहली बार एक रिजर्व से दूसरे रिजर्व में सफलतापूर्वक किसी बाघ को शिफ्ट किया गया। राजाजी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए गए इस बाघ की निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। अब चार और बाघ भी कार्बेट से राजाजी में लाए जाएंगे। उन्होंने इस मुहिम के लिए उत्तराखंड वन विभाग और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को शुभकामनाएं दी हैं।

 

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