उत्तराखंड में मार्च तक कंप्यूटरीकृत हो जाएंगी पैक्स.

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प्रदेश में सहकारिता की रीढ़ कही जाने वाली बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण का कार्य अगले वर्ष मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसे देखते हुए कंप्यूटर में फीड किए गए डाटा के सत्यापन का कार्य तेज कर दिया गया है। अभी तक 125 समितियों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 321 में चल रहा है। सभी समितियों के कंप्यूटराइज्ड होने के बाद आगामी वित्तीय वर्ष में इन्हें जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) से जोड़ दिया जाएगा।ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ऋण व खाद-बीज वितरण में पैक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा कई जगह ये मिनी बैंक की भांति कार्य कर रही हैं। इस सबको देखते हुए सरकार ने पैक्स के आधुनिकीकरण पर जोर दिया। प्रदेश की सभी 670 पैक्स के कंप्यूटराइजेशन की मुहिम इस साल जुलाई से प्रारंभ की गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में सहकारिता विभाग ने यह कार्य तेजी से शुरू किया और अब तक सभी पैक्स का डाटा कंप्यूटर में फीड कर लिया गया है। अब इसका सत्यापन किया जा रहा है।अपर सचिव एवं निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्रा के अनुसार वर्तमान में 321 पैक्स के फीड किए गए डाटा का सत्यापन चल रहा है, जबकि 125 में यह कार्य पूरा हो गया है। शेष 224 पैक्स के डाटा सत्यापन का कार्य अगले वर्ष मार्च तक हर हाल में पूरा करा लिया जाएगा। इसके साथ ही कार्मिकों को कंप्यूटर से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि पैक्स के डीसीबी से जुड़ने के बाद कोई दिक्कत न आए। मिश्रा ने कहा कि पैक्स का कंप्यूटराइजेशन होने से जहां इनके कामकाज को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी, वहीं जनसामान्य को अधिकाधिक सहूलियतें मिलेंगी। पैक्स के माध्यम से एटीएम जैसी सुविधाएं मुहैया कराने पर भी विचार चल रहा है।

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