देहरादून। उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों में बारिश के कारण दुश्वारियां बरकरार हैं। बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर-डुगरीपथ के पास भूस्खलन से हाईटेंशन लाइन टूट गई, जिससे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित है। बिजली सुचारू कई इलाकों में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। संपर्क मार्गों पर भूस्खलन के कारण मलबा आने से आवाजाही प्रभावित है। हालांकि, मैदान में मौसम ने फौरी राहत दी है। मौसम विभाग के अनुसार आज भी पर्वतीय इलाकों में तेज बौछारें पड़ने की आशंका है।
राज्य के मैदानी इलाकों में बारिश का क्रम कुछ हल्का पड़ा है, लेकिन पहाड़ में बारिश परेशानी बढ़ा रही है। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और धारचूला तहसील क्षेत्र में गुरुवार रात भारी बारिश हुई। इससे थल-मुनस्यारी मार्ग पर वनिक गदेरा उफान पर आ गया। शुक्रवार को यहां से गुजर रही एक कार गदेरे के तेज बहाव में फंस गई। बड़ी मुश्किल से कार सवारों को बाहर निकाला जा सका। वहीं, वनिक के पास मार्ग टूटने से बड़े वाहनों का संचालन ठप है।
पापड़ी गांव में एक मकान सड़क की दीवार ढहने से क्षतिग्रस्त हो गया। उधर, धारचूला में तवाघाट-सोबला- तिदांग मार्ग 51वें दिन भी बंद रहा। लिपुलेख मार्ग भी मलबा आने से बंद है। दारमा, चौदास ओर व्यास घाटी से संपर्क शुक्रवार को भी अवरुद्ध रहा। इधर, उत्तरकाशी और टिहरी में कई संपर्क मार्गों पर दिनभर मलबा हटाने का कार्य चलता रहा। टिहरी झील के जलस्तर में भी इजाफा हुआ है। झील में पानी का जलस्तर 803 मीटर पहुंच गया है, जबकि चेतावनी रेखा 830 मीटर है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में गरज के साथ तेज बौछार पडऩे व मैदान में हल्की बारिश की आशंका है।