वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने नेपाल सीमा से लगे काली गंगा घाटी में बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों के कारणों का पता लगा लिया है। साथ ही वैज्ञानिकों ने क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने की आशंका जाहिर की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धारचूला क्षेत्र के नीचे एक ऐसी भूगर्भीय संरचना का पता लगाया गया है, जो इस क्षेत्र में बार-बार आ रहे भूंकप के झटकों के लिए जिम्मेदार है। वाडिया के वैज्ञानिकों का यह शोध मई 2021 में ‘जियोफिजिकल जर्नल इंटरनेशनल’ व टेक्टोनोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में कहा गया है कि उत्तर पश्चिमी हिमालय के मुकाबले कुमाऊं हिमालय में क्रस्ट लगभग 38-42 किमी मोटा है। यह क्रस्ट इस क्षेत्र में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों के लिए जिम्मेदार है। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. देवजीत हजारिका के नेतृत्व में एक टीम ने धारचूला और कुमाऊं हिमालय के आसपास के क्षेत्र में भूकंप के कारण जानने को काली नदी के किनारे 15 भूकंपीय स्टेशन स्थापित किए और तीन वर्ष तक अध्ययन किया। यदि इस क्षेत्र में भूकंप आया तो कम से कम एक लाख की आबादी प्रभावित होगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल पर भी इसका असर पड़ेगा।
धारचूला में तीन साल में तीस भूकंप
धारचुला क्षेत्र में पिछले तीन सालों में वैज्ञानिकों ने 4.4 तीव्रता के तीस से अधिक भूकंप रिकार्ड किए हैं। इससे कम के कई सारे भूंकप तो ऐसे थे जो रिकार्ड श्रेणी में नहीं आते। धारचुला में 1 दिसम्बर 2016 को 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके अलावा 6 फरवरी 2017 को 5.5 का एक भूंकप भी यहां दर्ज किया गया। इसका केन्द्र रुद्रप्रयाग था।
वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों का कहना है कि कांगड़ा (1905) और बिहार-नेपाल (1934) भूकंपों के बाद क्षेत्र में 8.0 से अधिक तीव्रता के भूकंप नहीं आए हैं। जो हिमालय में भविष्य में बड़े भूकंप की चेतावनी है।
तिथि तीव्रता भूकंप का केन्द्र
28 अक्तूबर 1916 7.5 धारचूला-बजांग
28 दिसंबर 1958 7.5 धारचूला-बजांग
05 मार्च 1935 6.0 धारचूला-बजांग
24 दिसंबर 1961 5.7 धारचूला-बजांग
26 सितंबर 1964 5.8 धारचूला-बजांग
27 जून 1966 6.0 धारचूला-बजांग
27 जुलाई 1966 6.3 कपकोट-धारचूला
24 अगस्त 1968 7.0 धारचूला-बजांग
29 जुलाई 1980 6.5 भारत-नेपाल सीमा
05 अगस्त 2006 5.4 भारत-नेपाल सीमा (स्रोत: संकट में हिमालय, लेखक: खड्ग सिंह वल्दिया )
धारचूला और आसपास के क्षेत्र में एक रैंप तनावग्रस्त है, जो कमजोर भारतीय प्लेट पर दबाव डालता है। यह रैंप धारचूला क्षेत्र के नीचे है। हम काली नदी घाटी में भूकंप पर अधिक जानकारी जुटाने को लगातार निगरानी कर रहे हैं।
डा.देवजीत हजारिका, वरिष्ठ वैज्ञानिक, वाडिया इंस्टीट्यूट, देहरादून