देहरादून। उत्तराखंड में शराब के दाम 20 फीसदी तक घटाने का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया है। 26 फरवरी के बाद कांग्रेस विरोध की रणनीति तय करेगी। गैरसैंण में प्रस्तावित बजट सत्र में भी कांग्रेस यह मुद्दा उठाएगी।
देवस्थानम अधिनियम से लेकर प्रमोशन में आरक्षण को लेकर उलझी कांग्रेस को अब बैठे बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है। मद्य निषेध आंदोलन प्रदेश में खासा पुराना है। ऐसे में दाम कम करने को शराब प्रमोट करने का आधार बनाकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस इस समय प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करने और विपक्ष के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में आह्वान अभियान में जुटी हुई है।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के मुताबिक 26 फरवरी को हल्द्वानी में विकास खोजो पदयात्रा है। इसके बाद कांग्रेस शराब सस्ती करने के मामले को उठाएगी, सदन में भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
सस्ती दारू, महंगा तेल
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने तो बाकायदा नारा ही दे दिया, ‘सस्ती दारू, महंगा तेल……….’। प्रेस बयान जारी कर धस्माना ने कहा कि एक तरफ सब्जी, दाल, पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार शराब सस्ती कर रही है। विभाग का लक्ष्य भी बढ़ा दिया गया है। लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग नई दुकानें खुलवाएगा। शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाएगा। इससे शराब का प्रचलन और बढ़ेगा।
आबकारी नीति पर उठाया था सवाल
प्रदेश सरकार के खिलाफ जारी किए गए पर्चे में भी कांग्रेस ने आबकारी नीति का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस का कहना है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धीरे-धीरे शराब कम करने की घोषणा की थी। कांग्रेस का आरोप था कि शराब को घर-घर बेचने के लिए मोबाइल वैन का उपयोग किया जा रहा है। सभी दुकानों पर शराब ओवर रेट बेची जा रही है और प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी दुकानें खोली जा रही हैं।
कांग्रेस बोली जहरीली शराब, सरकार ने कहा- जांच हो गई
पहले रुड़की और इसके बाद देहरादून में नकली शराब से लोगों की मौत वाले मामले में भी कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हुई थी। जहरीली शराब के मामले को कांग्रेस ने उस समय सदन में भी उठाया था। कांग्रेस की विरोध रणनीति को सरकार जांच और दोषियों को न बख्शने का एलान कर आसानी से झेल गई थी।