देहरादून। उत्तराखंड में मसाज पार्लर और स्पा की आड़ में देह व्यापार का धंधा फल-फूल रहा है। प्रदेश के केवल 10 मसाज केंद्रों को ही भारतीय चिकित्सा परिषद की ओर से मसाज करने की अनुमति दी गई, जहां पर आयुर्वैदिक पद्दति से पंचकर्मा होता है। अन्य मसाज और स्पा सेंटर अवैध तौर पर चल रहे हैं, जहां पर बिना चिकित्सक और मसाज पार्लर के अनैतिक कार्य किया जा रहा है।
राजधानी देहरादून में करीब 2000 मसाज पार्लर व स्पा सेंटर खुले हुए हैं, जो देहरादून की आबोहवा में गंदगी फैला रहे हैं। राजपुर रोड, हरिद्वार रोड, नेहरू कालोनी और वसंत विहार क्षेत्र में कुछ ऐसे स्पा सेंटर हैं जहां खुलेआम स्पा की आड़ में देह व्यापार का कारोबार चल रहा है। कभी-कभी पुलिस इन केंद्रों पर चेकिंग करती है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ चालान तक ही सीमित रहती है। इन मसाज पार्लरों की आड़ में स्कूल-कालेज के युवा और युवतियों को बिगाड़ा जा रहा है। फुल बाडी मसाज, बाडी टू बाडी जैसे आकर्षक शब्दों के जाल में फंसकर युवा इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। स्वजनों से झूठ बोलकर बच्चे इन केंद्रों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही नहीं अधिक पैसा कमाने के लालच में कालेज की युवतियां भी इन दलालों के चक्कर में फंस जाती हैं।
भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड की ओर से कुछ समय से मसाज व स्पा केंद्रों लिए मानक तय किए थे। इसमें प्रत्येक केंद्र में एक चिकित्सक व डिप्लोमाधारक मसाज स्टाफ की तैनाती करने को कहा गया था। इसके अलावा केंद्र खुलने से पहले बोर्ड से मान्यता लेनी होगी। प्रत्येक केंद्र में दो महिला व दो पुरुष स्टाफ की तैनाती होगी। यहां तक कि क्रास मसाज करने पर भी पाबंदी लगाई गई थी। अब स्पा सेंटर दिखाने के लिए श्रम विभाग से लाइसेंस ले लेते हैं, जिसकी आड़ में वह देह व्यापार करवा रहे हैं।
सरकार की ओर जारी नहीं किए गए कोई गाइडलाइन
दिल्ली सरकार की ओर से स्पा सेंटरों को चलाने के लिए बकायदा मानक बनाए गए हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार अब तक मानक तय नहीं कर पाई है। पुलिस खानापूर्ति करने के लिए महीने में स्पा सेंटरों के एक चक्कर लगा देती है, और इसके बाद सेंटरों में क्या चल रहा है, इसकी किसी को जानकारी नहीं होती। स्पा सेंटरों की कार्रवाई के लिए भारतीय चिकित्सक परिषद अधिकृत है, लेकिन पुलिस का सहयोग नहीं मिलने के कारण परिषद भी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
परिषद की ओर से यह बनाए गए थे मानक
परिषद की ओर से भवन व स्टाफ के लिए अलग-अलग मानक बनाए गए थे। इनमें परामर्श कक्ष, प्रतीक्षालय, पंचकर्म कक्ष पुरुष, पंचकर्म कक्ष महिला, रसोई घर, स्नानघर व शौचालय और स्टाफ में एक पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सक, एक पंचकर्म सहायक पुरुष, एक पंचकर्म सहायक महिला, एक पंचकर्म अटेंडेंट पुरुष, एक पंचकर्म अटेंडेंट महिला, एक स्वागती व एक सफाईकर्मी के मानक तय किए गए थे।
भारतीय चिकित्सक परिषद के चेयरमैन डा. दर्शन कुमार ने बताया कि स्पा सेंटरों को चलाने के लिए कुछ समय पहले परिषद की ओर से मानक तय किए गए थे। लेकिन मानकों के अनुसार कोई भी स्पा सेंटर नहीं चल रहे हैं। परिषद की टीम जब स्पा सेंटरों की चेकिंग के लिए जाती है, तो पुलिस का सहयोग न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती।