उत्तराखंड में 413 के घरों में निगरानी, 474 आईसोलेशन बेड की व्यवस्था

0
270

देहरादून। स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के 19 सैंपल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी भेजे गए हैं। अब तक तीन पॉजिटिव, 82 सैंपल निगेटिव पाए गए। वहीं तीन ट्रेनी आईएफएस कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार जनपद से बृहस्पतिवार को कुल 19 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इसमें कोरोनेशन हास्पिटल से पांच, मैक्स हास्पिटल से तीन, एम्स ऋषिकेश, मिलिट्री हास्पिटल, ओएनजीसी अस्पताल, महिला अस्पताल हरिद्वार से दो-दो सैंपल, जीएमसी हल्द्वानी और जिला अस्पताल नैनीताल से एक-एक सैंपल जांच के लिए लिया गया।

प्रदेश में 474 आईसोलेशन बेड की व्यवस्था

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में 474 आईसोलेशन बेड की व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा अन्य जिलों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

413 लोगों की घरों में निगरानी

वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में 413 लोगों को घरों में क्वारंटाइन में रखा है। जबकि 41 लोगों की अस्पतालों में निगरानी की जा रही है।

विदेश दौरे से आए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सभी प्रशिक्षु आईएफएस के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जिसमें दो और प्रशिक्षु के सैंपल पॉजिटिव पाए गए। दोनों को दून अस्पताल के आईसोलेशन में शिफ्ट किया गया है। बाकी प्रशिक्षुओं की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पूरे एफआरआई क्षेत्र को पूर्ण प्रतिबंधित करने के लिए जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। सभी गेटों को बंद किया जाएगा।
– डॉ. अमिता उप्रेती, महानिदेशक स्वास्थ्य

कोरोना से निपटने को नहीं होगी दवाईयों की किल्लत
खतरनाक कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश में दवाईयों की किल्लत नहीं होगी। औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से आकलन के अनुसार उत्तराखंड में स्थापित फार्मा कंपनियां आठ घंटे में 110 करोड़ टेबलेट और 44 लाख बॉटल सिरप बना सकती हैं।

प्रदेश के हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर जनपद में स्थापित 220 फार्मा कंपनियां विभिन्न प्रकार की दवाईयां बना रही हैं। देश के कुल फार्मा कारोबार में उत्तराखंड की 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

कोरोना वायरस फैलने की स्थिति से निपटने के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने प्रदेश में दवाईयों के उत्पादन क्षमता का आंकलन किया है। विभाग का दावा है कि प्रदेश भर में स्थापित फार्मा उद्योग आठ घंटे की एक शिफ्ट में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां बना सकती है। इससे प्रदेश में वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए दवाईयों की कमी नहीं होगी।

सैनेटाइजर बनाने की मंजूरी दी

सरकार ने हिंदुस्तान यूनिलिवर, प्रीतम इंटरनेशनल समेत अन्य फर्मों को सैनिटाइजर बनाने की मंजूरी दी है। इससे बाजार में सैनिटाइजर की उपलब्धता बनी रहेगी।

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में दवाईयां, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध हैं। दवाईयों की आपूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित फार्मा उद्योगों के उत्पादन क्षमता का आकलन किया है। जिससे प्रदेश में दवाईयों की कमी नहीं होगी।
– डॉ.पंकज कुमार पांडेय, आयुक्त, औषधि नियंत्रण विभाग

LEAVE A REPLY