- नैनीताल और आस पास डेढ बजे के करीब अचानक से आसमान में काले बादलों की घटा छा गई। दोपहर करीब दो बजे खड़ी दोपहर में रात हो गई। पहले आंधी शुरू हुई फिर कुछ ही देर में तेज हवा के साथ आंधी भी शुरू हो गई। देखकर लोग खिड़की-दरवाजा बंद कर घरों में कैद हो गए। मई माह में ऐसा मौसम शायद ही पहले कभी देखा गया हो।
- मई माह में यह चौथी जोरदार बारिश है। आंधी-पानी के कारण इस बार आम, आडू, काफल जैसे फलों के साथ ही सब्जियों को भी खासा नुकसान हुआ है। नैनीताल, रुद्रपुर, रामनगर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर में आंधी के साथ पानी और बिजली चमकने का सिलसिला जारी है।
नैनीताल/देहरादून : मौसम के तेवरों से लोग हैरान हैं। आज रविवार को सुबह से मौसम का धूप-छांव का खेल चलता रहा। नैनीताल और आस पास डेढ बजे के करीब अचानक से आसमान में काले बादलों की घटा छा गई। दोपहर करीब दो बजे खड़ी दोपहर में रात हो गई। पहले आंधी शुरू हुई फिर कुछ ही देर में तेज हवा के साथ आंधी भी शुरू हो गई। देखकर लोग खिड़की-दरवाजा बंद कर घरों में कैद हो गए। मई माह में ऐसा मौसम शायद ही पहले कभी देखा गया हो। यादगार मौसम की लोगों ने खूब फोटो ली
किसानों की बड़ी परेशानी
इधर कोरोना की त्रासदी से जूझ रहे लोगों के लिए मौसम की मार इस बार अलग से झेलनी पड़ रही है। इससे सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं किसानों। गेहूं की फसलों को इस बार आंध-पानी के कारण खासा नुकसान हुआ है।
पिछले कई दिनों से हो रही ओलावृष्टि ने काश्तकारों की कमर तोड़ दी है। साग सब्जी व फसल उत्पादन से आजीविका कमाने वाले काश्तकारों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। शनिवार की शाम जिले के कई स्थानों पर गिरे ओलों ने सब्जी पौधों के साथ गेहूं, मसूर, लाई, मेथी, धनियां आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया।
मई माह में यह चौथी जोरदार बारिश है। आंधी-पानी के कारण इस बार आम, आडू, काफल जैसे फलों के साथ ही सब्जियों को भी खासा नुकसान हुआ है। नैनीताल, रुद्रपुर, रामनगर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर में आंधी के साथ पानी और बिजली चमकने का सिलसिला जारी है।
ओलावृष्टि ने खेतों में लगाई गई शिमला मिर्च, बैगन, पत्त्ता गोभी, टमाटर, चप्पन कद्दू, ककड़ी, लौकी आदि के पौध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसी प्रकार पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि से गेहूं आदि फसलों को भी व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।