उत्तराखंड रोडवेज का अंतरराज्जीय परिवहन पूरी से बंद हो गया है। गढ़वाल से बसें कुमाऊं और कुमाऊं से गढ़वाल मंडल के बीच भी बसों का संचालन ठप हो गया है। इससे रोडवेज की इनकम में भारी गिरावट आई है। अब दोनों मंडलों के भीतर जो बसें चल रही हैं, उनमें सवारियों की संख्या बहुत कम है, जिससे रोडवेज के सामने आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है।यूपी में लॉकडाउन चल रहा है। वहां सार्वजनिक परिवहन बंद हैं। तीन दिन पहले यूपी ने दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, लखनऊ, बरेली, आगरा, कानपुर समेत विभिन्न शहरों तक जाने वाली उत्तराखंड की रोडवेज की बसों को अपनी सीमा से वापस लौटाया।
इसके बाद उत्तराखंड रोडवेज प्रबंधन ने यूपी से जाने वाली बसों का संचालन रोक दिया था। अब चंडीगढ़ और हिमाचल ने भी अंतरराज्यीय परिवहन रोक दिया है। ऐसे में यहां उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन ठप हो गया है। गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यूपी का कुछ क्षेत्र आता है, जिस कारण दोनों मंडलों के बीच भी संचालन थम गया है। रोडवेज के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन का कहना है कि अंतरराज्जीय संचालन ठप हो चुका है। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के बीच सीमित संख्या में बसें चल रही हैं। गढ़वाल से कुमाऊं और कुमाऊं से गढ़वाल भी बसें नहीं आ-जा पा रही हैं।
लागतार बढ़ रहा आर्थिक संकट
रोडवेज पहले से ही आर्थिक से जूझ रहा है। कर्मचारियों को जनवरी से वेतन नहीं मिल पाया। करोड़ों की देनदारी चल रही है। होली से पहले रोडवेज की रोजाना की औसत इनकम एक करोड़ 70 रुपये चल रही थी। लेकिन जैसे ही कोरोना संकट बढ़ा, इनकम भी कम होती गई। अब रोडवेज की रोजाना इनकम करीब 30 लाख रुपये तक पहुंच गई है। जो इनकम आ रही है, वह डीजल में ही खर्च हो जा रही है।