देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के कंट्रोल में राज्य और राज्य से बाहर के विधायकों ने 34 समस्याएं दर्ज कराई है। जिसमें से अधिकांश समस्याएं प्रवासियों की सकुशल घर वापसी से संबंधित हैं। इनमें से ज्यादातर समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की कंट्रोल रूम की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान सोमवार को सामने आई। अग्रवाल ने सचिव विधानसभा को निर्देश दिए कि लोकसभा के आदेश तक विधानसभा का कंट्रोल रूम संचालित रहेगा।
कोविड-19 महामारी की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन में विधानसभा परिसर में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर 23 अप्रैल को कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। इस कंट्रोल रूम का उद्देश्य विधानसभा सदस्यों की उनके क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं का समाधान कराना है। देहरादून के रेड जोन में होने पर कंट्रोल रूम में तीन अधिकारियों के वर्क फ्रॉम होम के अंतर्गत ड्यूटी करने को कहा गया था।
तीनों अधिकारी सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार-चार घंटे की शिफ्ट में कार्य कर रहे थे। वर्तमान में कार्यालय खुल जाने के बाद अब कंट्रोल रूम के अधिकारी कार्यालय एवं घर दोनों जगह से अपनी शिफ्ट के अनुसार प्रभावी रूप से 12 घंटे कार्य कर रहे हैं।
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि विधायकों की सभी समस्याओं को राज्य सरकार के संबंधित कंट्रोल रूम को भेजा गया। इनमें से कई समस्याओं का समाधान हो चुका है। ज्यादातर सभी समस्याएं विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड प्रवासियों को वापस राज्य में लाने संबंधित थी। इस बीच विभिन्न राज्यों के विधानसभाओं एवं लोकसभा के साथ समन्वय से समस्याओं का हल किया गया।
स्पीकर ने सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। बैठक में विधानसभा सचिव जगदीश चंद, संयुक्त सचिव मदन सिंह कुंजवाल, उप सचिव चंद्रमोहन गोस्वामी, सुरक्षा अधिकारी प्रदीप गुणवंत, वरिष्ठ निजी सचिव अजय अग्रवाल, जनसंपर्क अधिकारी राजेश थपलियाल मौजूद रहे।