उत्तराखंड विस सत्रः भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा पर वार को कांग्रेस तैयार

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देहरादून। आज विधानसभा सत्र के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन में सरकार पर एक और वार करने की तैयारी कांग्रेस ने की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ही कमान संभाली है। प्रीतम सिंह नियम 58 के तहत इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे।
वहीं आज कार्यवाही शुरू होने के बाद श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर सदन दोपहर साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया और वेल में बैठ गया। आज सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा की जाएगी। आज बजट के पास होने की संभावना है।

श्राइन बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहित का विधानसभा कूच

श्राइन बोर्ड के गठन का विरोध जारी रखते हुए देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत आज फिर से विधानसभा कूच के लिए निकली। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। आज विधानसभा सत्र के दौरान सरकार श्राइन बोर्ड विधेयक को सदन में ला सकती है। इसके विरोध में ही महापंचायत ने आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है।

महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी के मुताबिक सरकार श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लेने की कोई कोशिश नहीं कर रही हैं। श्राइन बोर्ड के विरोध में ही तीर्थ पुरोहित एक बार पहले भी विधानसभा कूच कर चुके हैं। सीएम आवास पर भी प्रदर्शन किया जा चुका है।

58 के तहत आज एक और मुद्दा लेकर आएंगे प्रीतम सिंह

प्रीतम सिंह ने कहा था कि वे नियम 58 के तहत आज एक और मुद्दा लेकर आएंगे। प्रीतम सिंह ने इस मुद्दे को खुलासा तो नहीं किया, लेकिन कहा कि यह मुद्दा सरकार को परेशान करेगा। इस मामले को वे सदन में तथ्यों के साथ उठाएंगे।

आज सदन में सरकार से एक खास मुद्दे पर जवाब मांगा जाएगा। इस मामले की पूरी तैयारी कर ली गई है और इस नियम 58 के तहत इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा। तथ्यों और तर्कों के साथ सदन में मामला रखा जाएगा।
– प्रीतम सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

श्राइन बोर्ड का मुद्दा सदन में लाने का रास्ता तलाश रहे कांग्रेसी
श्राइन बोर्ड के विरोध की बाजी सदन में धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार ले गए। अब हाथ मल रही कांग्रेस आज इस मामले को किसी अन्य तरीके से उठाने की कोशिश में है। कांग्रेस ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत श्राइन बोर्ड के गठन के मुद्दे को सदन में उठाना तय किया था। श्राइन बोर्ड के गठन के विरोध में देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत के आंदोलन जारी रखने के बावजूद कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को तरजीह देना तय किया।

इसका कारण यह भी था कि 14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है और उत्तराखंड में विरोध जताकर कांग्रेस इन मुद्दों को गरमाने की कोशिश में है। इस कारण कांग्रेस ने श्राइन बोर्ड के मुद्दे को सदन में बाद में उठाने का फैसला किया और यही चूक कांग्रेस पर भारी पड़ गई।

धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने इस मुद्दे को सदन में उठाया तो खुद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को मायूस होना पड़ा। अब आज इस मुद्दे को सदन में अन्य तरीके से उठाने की कोशिश में कांग्रेस के विधायक जुट गए हैं। पार्टी के केदारनाथ विधायक मनोज रावत इस मामले को लेकर सबसे अधिक सक्रिय है।

रावत के जरिए ही कांग्रेस ने पहले इस मुद्दे को सदन में उठाने का फैसला किया था। सूत्रों के मुताबिक मनोज रावत और कांग्रेस के रानीखेत विधायक करन माहरा इस कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस के सामने श्राइन बोर्ड का विधेयक सदन में आने पर चर्चा के जरिये विरोध जताने का विकल्प भी खुला है।

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