उत्तराखंड सचिवालय एससी-एसटी कर्मचारियों को झटका, शासन ने संघ को मान्यता देने से किया इनकार

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देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय में हाल ही में गठित उत्तराखंड सचिवालय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ को मान्यता देने से शासन ने इनकार कर दिया है। वहीं, सचिवालय संघ ने अलग संघ गठित करने वाले सदस्यों की सदस्यता रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है।

प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे को लेकर हाल ही में सचिवालय में कार्यरत एससीएसटी कर्मचारियों ने अलग से संघ का गठन किया था। नवगठित संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह पाल और महासचिव कमल कुमार ने मान्यता के लिए सचिवालय प्रशासन को आवेदन किया।

अपर सचिव सचिवालय प्रशासन प्रताप सिंह शाह की ओर से जारी आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा संघ मान्यता नियमावली के तहत अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ को मान्यता प्रदान करना संभव नहीं है।
उधर, सोमवार को सचिवालय संघ ने कार्यकारिणी बैठक बुला कर संघ के विपरीत कार्य करने वाले 20 सदस्यों की सदस्यता रद्द करने पर चर्चा की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आम सभा में सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।

कर्मचारियों की समस्याओं की सही ढंग से पैरवी करने के लिए संघ का गठन किया गया, लेकिन सचिवालय प्रशासन की ओर से संघ को मान्यता न देना संविधान की व्यवस्था के विरुद्ध है। मान्यता के लिए संघ की ओर से अगली कार्रवाई की जाएगी।
-वीरेंद्र सिंह पाल, अध्यक्ष, सचिवालय एससीएसटी कर्मचारी संघ

उक्त 20 सदस्यों ने सचिवालय संघ की छवि धूमिल करने का कार्य किया है। कार्यकारिणी ने ऐसे सदस्यों की सदस्यता रद्द करने के लिए आम सभा में प्रस्ताव रखने का फैसला लिया है। जल्द ही आम सभा की बैठक तय की जाएगी।
-दीपक जोशी, अध्यक्ष, सचिवालय संघ

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