उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों के जंगलों में वनाग्नि की निगरानी एक नवंबर से जापानी सेटेलाइट के जरिए की जाएगी। भारतीय वन सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के मुताबिक एक नवंबर से फायर सीजन शुरू होगा। वनाग्नि की घटनाओं की निगरानी को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष उपयोग केंद्र से मिले डाटा का अध्ययन करने के बाद संबंधित राज्यों को वनाग्नि की घटनाओं की ताजा जानकारी दी जाएगी। भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में एक जनवरी से पांच अप्रैल के बीच पूरे देश में वनाग्नि की 14429 घटनाएं हुईं। इसी अवधि में वर्ष 2020 में 6223 घटनाएं हुईं। उत्तराखंड में एक जनवरी से पांच अप्रैल की अवधि में कुल 324 घटनाएं र्हुईं। वर्ष 2020 में 11 घटनाएं हुई थीं।
भारतीय वन सर्वेक्षण के उपनिदेशक डॉ. सुनील चंद्र ने बताया कि एक नवंबर से पूरे देश में फायर सीजन की शुरुआत होगी। जो अगले साल 30 जून तक जारी रहेगी। फायर सीजन के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को तत्काल पता लगाने व संबंधित राज्यों को इसकी जानकारी साझा करने को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष उपयोग केंद्र से मिले डाटा के आधार पर संबंधित राज्यों को तत्काल अलर्ट जारी किया जाएगा। जापानी सेटेलाइट के जरिए वनाग्नि की घटनाओं का डाटा जुटाकर इसे संबंधित एजेंसियों को साझा किया जाएगा।