उत्तराखंड सरकार ने सौ से अधिक शिक्षकों के खिलाफ सात साल पहले दर्ज मुकदमे वापस लिए,
शासन की ओर से इस संबंध में जिलाधिकारी देहरादून को आदेश जारी किया गया,
मामला वर्ष 2013 का है, मुख्यमंत्री आवास कूच करने के दौरान पुलिस ने सरकारी काम में बांधा डालने, रास्ता जाम करने और बैरिकेडिंग तोड़ने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किये गए थे,
शासन में गृह अनुभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने जनहित में डालनवाला थाने में दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने का निर्णय लिया है,
आदेश में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की ओर से मुकदमे वापसी की लिखित अनुमति इस शर्त के साथ दी जा रही है कि प्रकरण का उदाहरण किसी अन्य मामले में नहीं लिया जाएगा,
19 जुलाई 2013 को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया। इस बीच पुलिस और प्रशिक्षु शिक्षकों के बीच कहासुनी के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। जिसमें कई प्रशिक्षु शिक्षकों को गंभीर चोटें आई थी।
पुलिस ने इस मामले में 17 नामजद और सौ से अधिक अज्ञात प्रशिक्षु शिक्षकों के खिलाफ बैरिकेडिंग तोड़ने, सरकारी काम में बांधा डालने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।