उत्तराखंड से बिजली लेने में पंजाब को नहीं रुचि, पढ़िए पूरी खबर

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देहरादून बिजली की किल्लत के बावजूद इस वर्ष पंजाब ने उत्तराखंड से बिजली उधार लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऊर्जा बैंकिंग के तहत बिजली उधार लेने में पंजाब ने अप्रत्याशित रूप से हाथ खींचे हैं। गत वर्ष पंजाब ने उत्तराखंड से 662.4 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली उधार ली थी, जबकि इस वर्ष महज 10.3 एमयू बिजली की मांग आई है। दूसरी तरफ, दिल्ली, हरियाणा व अन्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड से पर्याप्त मात्रा में बिजली ले रहे हैं।

हर साल ऊर्जा बैंकिंग प्रणाली के तहत राज्य आपस में बिजली के आदान-प्रदान का करार करते हैं। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की ओर से भी ओपन टेंडर के जरिये बिजली की बैंकिंग की जाती है। इसके तहत जरूरतमंद राज्य गर्मी के मौसम में उत्तराखंड से बिजली उधार लेते हैं और सर्दियों में ब्याज सहित यानि कुछ अतिरिक्त बिजली लौटाते हैं। पंजाब भी पिछले कुछ वर्षों से उत्तराखंड से बिजली उधार लेता आ रहा है। पंजाब को सामान्यत: जून से सितंबर के बीच उत्तराखंड बिजली देता है। नवंबर से फरवरी के बीच उधार दी गई बिजली वापस ली जाती है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष पंजाब ने कुल 662.4 एमयू बिजली उधार ली थी और 775 एमयू बिजली लौटाई थी।

नौ एमयू बिजली और देगा उत्तराखंड

इस वर्ष किए गए करार के तहत पंजाब को 1.3 एमयू बिजली यूपीसीएल अभी तक दे चुका है। बाकी की नौ एमयू बिजली सितंबर से पहले दे दी जाएगी।

टेंडर के जरिये होती है बैंकिंग

यूपीसीएल से मिली जानकारी के अनुसार, ऊर्जा बैंकिंग टेंडर के माध्यम से की जाती है। इसमें राष्ट्रीय स्तर की ट्रेडर कंपनियां और राज्य प्रतिभाग करते हैं। यूपीसीएल लाभ वाले राज्य या ट्रेडर के साथ करार करता है। उत्तराखंड की जल विद्युत परियोजनाओं में मांग के आधे से भी कम बिजली उत्पादन होता है। ऐसे में केंद्रीय पूल, टेंडर, बाजार व अन्य स्रोत से बिजली की व्यवस्था की जाती है। गर्मी में ग्लेशियर पिघलने से नदियों में जल प्रवाह बढ़ जाता है। ऐेसे में बिजली परियोजनाओं में उत्पादन के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होता है। इससे इस अवधि में सभी बिजली घरों में कुल क्षमता के लगभग बिजली उत्पादित होती है। इससे उत्तराखंड में इस दौरान बिजली की बैंकिंग करने की स्थिति में रहता है।

यूपीसीएल के निदेशक संचालन सतीश शाह का कहना है कि यूपीसीएल की ओर से अतिरिक्त बिजली की बैंकिंग की जाती है। पंजाब भी हमसे बिजली उधार लेता है। हालांकि, इस बार पंजाब ने नहीं के बराबर बिजली ली। वहीं, ट्रेडर कंपनियों के माध्यम से दिल्ली व हरियाणा को पर्याप्त बिजली दी जा रही है।

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