देहरादून। राज्यसभा की उत्तराखंड से रिक्त हो रही सीट के चुनाव के लिए नामांकन कराने वाले एकमात्र भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट का नामांकन पत्र जांच में सही पाया गया। भट्ट द्वारा चार सेट में दाखिल किए गए नामांकन पत्र की शुक्रवार को विधानसभा भवन स्थित निर्वाचन कक्ष में जांच की गई।
रिटर्निंग आफीसर सीएस गोस्वामी ने बताया कि जांच में भट्ट का नामांकन सही पाया गया। इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। 20 फरवरी को दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी का समय है। इसके बाद भट्ट के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की जाएगी।
इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है। गुरुवार सुबह 10:30 बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट नामांकन के लिए विधानसभा भवन पहुंचे। विधानसभा सभाकक्ष में उनका भाजपा पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
यहां से वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश चुनाव प्रभारी दुष्यंत गौतम, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी समेत कैबिनेट मंत्रियों व विधायकों के साथ जुलूस के रूप में विधानसभा सचिवालय में नामांकन कक्ष तक पहुंचे
यहां उन्होंने पीठासीन अधिकारी चंद्र मोहन गोस्वामी व सहायक पीठासीन अधिकारी मयंक सिंघल के समक्ष चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या, प्रेम चंद अग्रवाल व सतपाल महाराज मुख्य प्रस्तावकों में शामिल रहे।
उनके नामांकन के पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मिठाई खिलाकर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय टम्टा, कल्पना सैनी व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार भी उपस्थित रहे।
नामांकन का समय तीन बजे तक निर्धारित था। निर्धारित समय तक किसी भी अन्य प्रत्याशी ने राज्यसभा सीट के लिए नामांकन नहीं किया। इससे भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार अब शुक्रवार को नामांकन पत्र की जांच की जाएगी और 20 फरवरी को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि है।
महेंद्र भट्ट का नामांकन सही पाए जाने पर किसी अन्य प्रत्याशी द्वारा नामांकन न करने के कारण 20 फरवरी को उनके निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 47 विधायक हैं। अगर कोई अन्य नामांकन होता तो भी भट्ट की जीत सुनिश्चित ही थी।