देहरादून। दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरों ने उत्तराखंड की भी नींद उड़ा दी है। समुदाय विशेष के इस धार्मिक आयोजन में अब तक उत्तराखंड से 34 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है।
हालांकि, शासन का कहना है कि अभी तक उसके पास 26 लोगों के इस कार्यक्रम में शामिल होने की आधिकारिक जानकारी है, लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है। दावा किया गया कि ये सभी राज्य से बाहर हैं। अलबत्ता, इनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि इनसे मिलने-जुलने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके। सरकार की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। हैरानी की बात यह कि इस मसले पर को लेकर शासन से लेकर जिला प्रशासन तक समन्वय की कमी दिखी। पूरे दिन ऊहापोह की स्थिति रही, अधिकारियों के बयानों में विरोधाभास ने मामला और पेचीदा बना दिया। यहां तक कि जिलाधिकारियों के पास उपलब्ध सूचना शासन के पास नहीं थी।
तब्लीगी जमात में शामिल लोगों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों के बाद उत्तराखंड में मंगलवार सुबह से बेचैनी का आलम रहा। हालांकि, सुबह के वक्त इस आयोजन में प्रदेश से शामिल हुए लोगों की संख्या को लेकर ऊहापोह रही। दोपहर तक शासन को यह जानकारी नहीं थी कि यहां से कितने लोग जमात में गए थे। हालांकि, बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार और शासन सक्रिय हुए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से हालात की जानकारी ली। फिर दिल्ली, बरेली समेत अन्य स्थानों पर संपर्क साधकर पूरा ब्योरा जुटाया गया। तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों से भी संपर्क किया गया। नतीजतन, शाम तक ये बात निकलकर सामने आई कि 34 लोगों ने उत्तराखंड से तबलीगी जमात में हिस्सा लिया। बताया जा रहा कि इनमें सबसे अधिक 22 लोग हरिद्वार जिले के हैं। इसके अलावा एक-एक उत्तरकाशी व देहरादून और शेष अन्य जिलों से हैं। यह जानकारी आने के बाद से पूरे प्रदेश में सतर्कता बरती जा रही है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने देर शाम बताया कि राज्य से 26 लोगों के तब्लीगी जमात में शामिल होने की आधिकारिक जानकारी मिली है, लेकिन संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि इन लोगों में से कोई भी उत्तराखंड में नहीं है। सभी राज्य से बाहर हैं।
अल्मोड़ा से चार, नैनीताल से नौ और उत्तरकाशी से तीन हुए थे शामिल
निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लाक के पकवाड़ गांव के तीन व्यक्ति शामिल हुए थे। ये तीनों इससे पहले मलेशिया में जमात में गए थे। एसपी पंकज भट्ट के अनुसार तीनों को दिल्ली में क्वारंटाइन किया गया है। मोबाइल लोकेशन से इसकी पुष्टि भी करा ली गई है। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत इलाके में चार लोग तब्लीगी मकरज से लौटे हैं। एसडीएम अभय प्रताप सिंह ने बताया फिलहाल इनमें कोरोना जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर इन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इनमें से तीन बिहार के मूल निवासी हैं। इनके मूल पते की जांच की जा रही है।
नैनीताल जिले रामनगर के नौ लोगों को पुलिस ने घर से लाकर क्वारंटाइन कर दिया। रामनगर थाना प्रभारी रवि सैनी ने बताया कि ये सभी 14 मार्च को निजामुद्दीन में तब्लीगी मकरज में शामिल होकर 13 मार्च को लौटे थे। रामनगर संयुक्त चिकित्सालय में इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। अस्पताल के नोडल अधिकारी प्रशांत कौशिक ने बताया कि सभी स्वस्थ्य हैं, इन्हें एक रिजार्ट में 14 दिन के क्वारंटन और परिजनों को होम क्वारंटाइन किया गया है। संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है।
अन्य जमात से आए लोगों की भी निगरानी
इधर, निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में शामिल छह लोगों की तेलंगाना में मौत के बाद उत्तराखंड में जिला स्तर पर भी अधिकारी हरकत में आए हैं। उन्होंने तीन महीनों के दरम्यान तमाम शहरों में इस प्रकार के आयोजन में शामिल लोगों का ब्योरा जुटाया। इनमें से जिन लोगों को अपने घर लौटे 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं, उन्हें होम क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही है, जबकि इससे कम अवधि वालों को सरकारी निगरानी में क्वारंटाइन करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अनुसार जनवरी से अभी तक जिले में जमातों से 36 लोग लौटे हैं, लेकिन इनमें किसी का निजामुद्दीन कनेक्शन नहीं मिला है। सभी पर नजर रखी जा रही है। हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने निजामुद्दीन की तब्लीगी मकरज से लौटने की कोई जानकारी होने से अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने बताया कि लखनऊ जमात से लौटे 17 लोग चिह्नित किए गए हैं, इन सभी को गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया गया है।
बोले मंत्री
मदन कौशिक (सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री) का कहना है कि तब्लीगी जमात में उत्तराखंड से 34 लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है, लेकिन आधिकारिक जानकारी 26 की है। अन्य के बारे में भी ब्योरा लिया जा रहा है। इन लोगों के संपर्क में जितने भी लोग आए हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।
जिलों को कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकत्साधिकारियोंको कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के निर्देश दिए गए हैं। जमात से ताल्लुक रखने वाले समुदाय विशेष के प्रमुख व्यक्तियों से संपर्क किया जाए और उन लोगों को चिह्न्ति करने को कहा गया है, जो इस धार्मिक आयोजन में एक से 15 मार्च के दौरान निजामुद्दीन गए थे। जिलाधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करे कि वे स्वेच्छा से इस कार्यत्म में शामिल होने की जानकारी देने को आगे आएं।
उत्तराखंड से 34 लोग निजामुद्दीन मरकज में हुए शामिल