देहरादून । प्रदेेश सरकार अब शहरी क्षेत्रों में रोज निकलने वाले कूड़े से बिजली बनाने की योजना को रुड़की समेत प्रदेश के छह शहरों में लागू करने की तैयारी में है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने विधानसभा में आयोजित बैठक में शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को इसकी योजना तैयार करने का निर्देेश दिया।
राज्य पर्यावरण रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में खेतों से निकलने वाले पराली आदि के साथ ही निकायों में निकलने वाले कचरे से प्रदेश में 300 मेगावाट बिजली बनाई जा सकती है। प्रदेश में उद्योगों व खेतों आदि से 200 लाख टन कचरा निकलता है।
प्रदेश सरकार की कोशिश इस कचरे का उपयोग करने की है। मंत्री मदन कौशिक ने मंगलवार को हुई विधानसभा की बैठक में रुड़की में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही हल्द्वानी, काशीपुर, ऋषिकेश, रुद्रपुर और कोटद्वार में भी इस तरह के प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार करने की बात कही। कौशिक ने कहा कि एक माह बाद इसकी समीक्षा भी की जाएगी।
हर घर से उठेगा कूड़ा, 14वें वित्त के पैसे का होगा उपयोग
प्रदेश के निकायों में रहने वाले लोगों के घरों से निकलने वाले दैनिक कचरे के निपटान की समस्या है। हाल ये है कि निकाय अभी हर घर से कूड़ा नहीं उठा पा रहे हैं। जो कूड़ा उठ भी रहा है उसका 50 प्रतिशत ही डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचता है।
बैठक में मंत्री ने कहा कि हर घर से कचरा उठाने और स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए 14वें वित्त आयोग के पैसे का उपयोग तब तक किया जाए जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता। वित्त आयोग की ओर से निकायों को अलग से पैसा दिया गया है।
हरिद्वार में लगेगा बायोगैस प्लांट
बैठक में इंडियन ऑयल कारपोरेशन की मदद से हरिद्वार में बायोगैस प्लांट लगाने का योजना है। कौशिक ने कहा कि निकाय कंपोस्ट बनाने के लिए कृषि और उद्यान विभाग को छंटा हुआ कचरा देकर अपने लिए नए आय के स्रोत भी विकसित करें।
इसके लिए हर शहरी निकाय में मॉडल विकसित किया जाए। बैठक में पर्यावरण संरक्षण परिषद के अध्यक्ष विश्वास डाबर, उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र हरबोला सहित विभागीय अधिकारी शामिल रहे।