देहरादून। उत्तराखंड में राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम लागू होने के बाद अब सरकार ने प्रदेश की 23 में से 16 मंडी समितियों में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पदों पर मनोनयन कर दिए हैं। शेष समितियों के लिए कवायद चल रही है।
प्रदेश में पिछले साल लागू उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन अधिनियम (प्रोत्साहन एवं सुविधा) के तहत 23 में से 15 मंडी समितियों में सरकार ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नामित किए थे। बाद में पुराने अधिनियम के स्थान पर सरकार राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम लेकर आई। अक्टूबर में नया अधिनियम लागू हुआ और पुराना समाप्त हो गया। इसके साथ ही पुराने अधिनियम के तहत मंडी समितियों में हुए मनोनयन स्वत: ही समाप्त हो गए थे। बावजूद इसके मनोनीत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अपने-अपने पदों पर आसीन होने का दावा कर रहे थे। इसे देखते हुए हाल में ही शासन के निर्देश पर इन्हें हटाने का आदेश जारी करना पड़ा था।
नए अधिनियम में प्रविधान है कि चुनाव होने तक अथवा अधिकतम दो वर्ष की अवधि के लिए सरकार मंडी समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष मनोनीत कर सकती है। पिछले दिनों इसे लेकर कवायद शुरू हुई तो कुछेक स्थानों पर विरोध के सुर भी उभरे थे। अब जबकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए काफी कम वक्त रह गया है तो सरकार ने पार्टी कार्यकत्र्ताओं को मंडी समितियों में एडजस्ट करने को तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इस कड़ी में चार मंडी समितियों में अध्यक्ष और 12 में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं। इस संबंध में शासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
मंडी समितियों में मनोनयन
- समिति, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष
- देहरादून, कुलदीप बुटोला, त्रिलोक बिष्ट
- विकासनगर, अनिल जैन, प्रदीप ठाकुर
- रामनगर, राकेश नैनवाल, मान सिंह रावत
- किच्छा, कमलेंद्र सेमवाल, संदीप अरोड़ा
- चकराता, जगमोहन चौहान, प्रेम सिंह
- रुड़की, ब्रजेश त्यागी, नीरज सैनी
- नरेंद्रनगर, वीर सिंह रावत, सिद्धार्थ राणा
- सितारगंज, अमरजीत सिंह, रविंद्र
- रुद्रपुर, केके दास, कमलजीत सिंह
- खटीमा, नंदन सिंह खड़ायत, पवन अग्रवाल
- जसपुर, सुरेंद्र सिंह चौहान, श्रवण सिंह
- बाजपुर, राम चंद्र, मेजर सिंह
- कोटद्वार, सुमन कोटनाला
- गदरपुर, सुभाष गुम्बर
- ऋषिकेश, विनोद कुकरेती
- टनकपुर, राम दत्त जोशी