हल्द्वानी: केंद्र व राज्य सरकार की अधिसूचना पर प्लास्टिक, थर्माकाल, स्टायरोफोम से बने 22 उत्पादों के विनिर्माण, भंडारण, खरीद-बिक्री व उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।
राज्य सरकार ने नौ उत्पाद और चिह्नित किए
राज्य सरकार ने नौ उत्पाद और चिह्नित किए हैं। एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के चलन को रोकने के लिए एक सितंबर से सरकारी संस्थानों, कार्यालयों में इनका इस्तेमाल नहीं होगा।
वैकल्पिक उत्पादों को अपनाने पर जोर
मुख्य सचिव डा. एसएस संधू ने जनहित में ऐसा कदम उठाने की बात कही है। कार्यालयों में प्लास्टिक बोतल में पानी देने की कार्यसंस्कृति को समाप्त करते हुए वैकल्पिक उत्पादों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।
प्रतिबंधित सामग्री में एक बार उपयोग में आने वाली प्लास्टिक
प्रतिबंधित सामग्री में एक बार उपयोग में आने वाली प्लास्टिक निर्मित पेेन, बुकमार्क व मल्टीलेयर पैकिंग वाले बिस्कुट, नमकीन, चिप्स पैकेट तक शामिल हैं। प्लास्टिक फिल्म की रैपिंग लिपटे गुलदस्ते देने की परंपरा भी बंद होगी। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि शासनादेश के बारे में सभी अनुभाग प्रभारियों को अवगत करा दिया गया है।
ये नौ उत्पाद होंगे प्रतिबंधित
- प्लास्टिक निर्मित पानी की बोतल
- मल्टीलेयर पैकिंग वाले सास, अचार, चाय, काफी आदि के पैकेट
- गुलदस्ते में प्रयुक्त होने वाले नान-वोवन प्लास्टिक व प्लास्टिक फिल्म की रैपिंग
- यूज एंड थ्रो वाली पैन
- प्लास्टिक से बने स्टीकर, लीफलेट, पैंपलेट
- प्लास्टिक निर्मित कोल्ड ड्रिंक्स, जूस आदि की बोतल
- मल्टीलेयर पैकिंग वाली बिस्कुट, नमकीन, चिप्स आदि के पैकेट
- किसी भी मोटाई वाले प्लास्टिक, पीवीसी, फ्लैक्स के बैनर
- प्लास्टिक से बने बुकमार्क
स्कूलों में पढ़ाया जाएगा स्वच्छता का पाठ
स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों को प्लास्टिक से फैलने वाले प्रदूषण के बारे में अवगत कराना है। दूसरों को जागरूक करने के लिए रैली निकाली जाएगी। स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायत की मदद से स्कूल परिसर से प्लास्टिक अवशेष साफ कराया जाएगा। सीईओ केएस रावत ने इसका आदेश जारी किया है।