हत्या और लूटपाट कर फरार हुए 27 कातिलों की पुलिस को तलाश है, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पा रहे हैं। हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हो रखे बदमाशों में 13 उत्तराखंड के हैं, जबकि 14 बाहरी प्रदेशों के शामिल हैं। इनमें से ऋषिकेश के एक बदमाश पर तो पुलिस ने एक लाख रुपये इनाम भी घोषित किया हुआ है। यह बदमाश 10 सालों से पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की ओर से इनामी बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक महीने का अभियान चलाया हुआ है। प्रदेश में 147 इनामी अपराधी हैं, जिसमें 48 उत्तराखंड जबकि 99 बाहरी राज्यों के शामिल हैं। तीन अगस्त को एसटीएफ ने एक डबल मर्डर के आरोपित को गिरफ्तार किया था, जिसने ऋषिकेश में परिवार के दो सदस्यों की हत्या कर लूटपाट की थी।वर्तमान में उत्तराखंड में 500 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक के 147 इनामी बदमाश हैं, जो कि फरार चल रहे हैं। वर्षों से यह बदमाश पुलिस की पहुंच से दूर हैं। फरार होने वाले इनामी बदमाशों में एक नेपाल का भी शामिल है। इन बदमाशों पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, धोखाधड़ी, रंगदारी आदि के मुकदमे दर्ज हैं।
उत्तराखंड के 48 इनामी बदमाशों की बात करें यह सबसे अधिक हरिद्वार जिले के हैं। हरिद्वार जिले के इनामी बदमाशों की संख्या 13 है। इसके अलावा देहरादून जिले के आठ, उधमसिंहनगर जिले के छह, नैनीताल के छह, चंपावत के तीन, बागेश्वर के तीन, अल्मोड़ा, टिहरी व पिथौरागढ़ जिले के दो-दो और जीआरपी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले के एक-एक इनामी अपराधी शामिल हैं।
बाहरी राज्यों के अपराधियों ने भी वारदातों को अंजाम देने के लिए हरिद्वार जिले को ही चुना। 99 इनामी बदमाशों में से 41 के खिलाफ हरिद्वार में ही मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा 20 देहरादून, 16 उधमसिंहनगर, छह नैनीताल, पांच पौड़ी, चार अल्मोड़ा, तीन जीआरपी, दो पिथौरागढ़, एक रुद्रप्रयाग व एक चंपावत इनामी अपराधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं।
अशोक कुमार (पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड) का कहना है कि फरार इनामी बदमाशों की धरपकड़ के लिए सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। इनामी बदमाशों को पकडऩे के लिए एक से 31 अगस्त तक एक महीने का अभियान शुरू किया गया है। एसटीएफ एक दोहरे हत्या के बदमाश को गिरफ्तार भी कर चुकी है। प्रदेश को अपराध एवं अपराधी मुक्त बनाने को उत्तराखंड पुलिस कटिबद्ध है। प्रदेश में किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।