उत्‍तराखंड में अभी केवल 45 वर्ष से अधिक वालों को ही लगाई जा रही कोरोना की वैक्सीन

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देहरादून। केंद्र सरकार के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद प्रदेश में अब केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को ही कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रदेश में फिलहाल उन्हीं स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन लग रही है, जिनकी उम्र 45 वर्ष हो गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मीडिया कर्मियों को वैक्सीन लगाने के संबंध में केंद्र से जानकारी मांगी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने गत तीन अप्रैल को सभी राज्यों को एक पत्र भेजकर कहा था कि ऐसी जानकारी सामने आई है कि वैक्सीनेशन सेंटर में स्वास्थ कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अपात्र व्यक्तियों का भी पंजीयन कर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। यह वैक्सीनेशन के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। दरअसल, स्वास्थ कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर के वैक्सीनेशन के लिए पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या में पिछले कुछ दिनों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। जब पड़ताल हुई तो पता चला कि इनमें कई अपात्र हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इन दोनों ही वर्गों के नए पंजीयन तत्काल बंद कर दिए। यह भी कहा गया कि इनका उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

उधर, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र से फोन पर वार्ता हुई। उन्होंने हरिद्वार कुंभ का हवाला देते हुए मीडिया कर्मियों के वैक्सीनेशन की पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि कुंभ में देशभर से लाखों श्रद्धालु आएंगे। लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से मीडिया कर्मियों का वैक्सीनेशन किया जाए। हालांकि, केंद्र ने फिलहाल इस पर रोक लगाई हुई है। अब प्रदेश में 45 साल से कम आयु के किसी भी व्यक्ति का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है।

 

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