देहरादून। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्थिति नियंत्रण में होने के बाद सरकार अब प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू में कुछ और राहत देने की तैयारी में है। इसके तहत विवाह समारोह में शामिल होने के लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता से छूट दी जा सकती है। साथ ही शवयात्रा में अधिकतम 50 व्यक्तियों के ही शामिल होने की बंदिश से छूट देने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा चारधाम यात्रा के लिए अब सिर्फ देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में ही पंजीकरण का प्रविधान किया जा सकता है। राज्य में दो हफ्ते आगे बढ़ाए जा रहे कोविड कर्फ्यू में ये रियायत दी जा सकती हैं। कर्फ्यू की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) सोमवार को जारी होगी।
प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू की अवधि मंगलवार सुबह छह बजे समाप्त हो रही है। हालांकि, अब कोरोना संक्रमण के नए मामले 10 से 15 के बीच ही आ रहे हैं, लेकिन सरकार कर्फ्यू को फिलहाल जारी रखने के पक्ष में है। अलबत्ता, त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के सायों को देखते हुए कर्फ्यू में कुछ और रियायत देने के लिए खाका खींच लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक त्योहारी सीजन के मद्देनजर बाजार खुलने की अवधि एक घंटे बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान में बाजार सुबह आठ से रात्रि नौ बजे तक खुल रहे हैं।
वर्तमान में लागू कर्फ्यू की एसओपी में विवाह समारोह में विवाह स्थल अथवा वेडिंग प्वाइंट की क्षमता के 50 फीसद व्यक्तियों को सम्मिलित होने की इजाजत है। इसके साथ विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों के लिए कोविड वैक्सीनेशन की दोनों डोज का प्रमाणपत्र अथवा कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। अब जबकि कोरोना संक्रमण के मामले बेहद कम हो गए हैं तो विवाह में शामिल होने को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट से छूट दी जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण को लेकर उत्पन्न हो रही गफलत की स्थिति भी एसओपी में दूर की जाएगी। वर्तमान में अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वालों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। इस बीच राज्य में चारधाम यात्रा शुरू होने पर इसके लिए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ई-पास जारी कर रहा है। पंजीकरण व ई-पास के लिए एक ही तरह अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कराए जा रहे हैं। अब ये प्रविधान किया जा रहा है कि चारधाम यात्रा के लिए सिर्फ देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पोर्टल पर ही पंजीकरण होगा। सूत्रों के अनुसार सोमवार को होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में इन सभी बिंदुओं पर मुहर लगने की संभावना है।