उत्‍तराखंड में मौसम ने कदम-कदम पर ली यात्रियों की परीक्षा, सहायता के लिए यहां करें संपर्क

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देहरादून। उत्तराखंड में मौसम तीन दिन से यात्रियों की कदम-कदम पर परीक्षा ली। भारी बारिश और भूस्खलन ने स्थानीय बाशिंदों के साथ चार धाम यात्रियों और पर्यटकों को भी बेहाल कर दिया। खासकर, यात्रा मार्गों पर फंसे यात्रियों को आर्थिक दिक्कतें भी झेलनी पड़ी। चारधाम यात्रा पड़ावों पर काफी संख्या में यात्रियों को यात्रा रोके जाने के बाद उन्हें ठहराने के प्रशासन के इंतजाम भी धड़ाम हो गए। रास्तों में फंसे कुछ यात्रियों को आसपास के ग्रामीणों ने शरण दी। यही नहीं, यात्रा मार्गों पर बड़ी संख्या में यात्री अपने वाहनों में रात गुजारने को मजबूर रहे। बड़ी संख्या में यात्री बगैर दर्शन के ही वापस लौटने को मजबूर हुए।

बीते रविवार को प्रदेश में शुरू हुआ भारी बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह तक जारी रहा। बारिश के कारण चार धाम यात्रा मार्गों समेत ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में दुश्वारियां बढ़ गईं। बदरीनाथ मार्ग साथ स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद हो गया। जगह-जगह फंसे यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रात गुजारने को न कोई ठौर और न ही खानपान के पर्याप्त इंतजाम। बारिश के कारण बिगड़े हालात में यात्रियों का बजट भी बिगड़ गया। चार धाम यात्रा का बजट और समय तय कर घर से निकले यात्रियों के समक्ष परेशानी खड़ी हो गई। बदरीनाथ मार्ग पर फंसे 50 फीसद यात्री दो दिन फंसने के बाद मजबूरन घर लौट गए। यहां लामबगड़ और हनुमानचट्टी में अब भी यात्री फंसे हैं। इन लोगों ने आसपास के गांवों में शरण ले रखी है।

केदारनाथ मार्ग पर भी यही हाल है। हालांकि, इस रूट पर यकायक यात्रियों की भीड़ बढऩे से व्यवस्थाएं चरमरा गईं और प्रशासन के साथ ही अन्य जिम्मेदार विभागों ने भी हाथ खड़े कर दिए। जिस पर यात्रियों को रात गुजारने के लिए होटल-गेस्ट हाउस मनमाने दाम पर लेने पड़े। शिकायत है कि दो हजार रुपये के कमरे के यात्रियों से पांच से आठ हजार रुपये तक वसूले गए। यमुनोत्री मार्ग पर व्यवस्थाएं काफी हद तक सामान्य रहीं, लेकिन गंगोत्री मार्ग पर फंसे करीब साढ़े चार सौ यात्रियों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। मुख्य मार्ग बंद होने की वजह से कुछ पड़ावों से आगे के सफर के लिए यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा।

खुले आसमान के नीचे गुजारीं सर्द रात

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को होटल व लाज न मिलने के चलते खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और गौरीकुंड समेत एक दर्जन से अधिक यात्रा पड़ावों पर यात्रियों की भारी भीड़ रही। हालांकि जिला प्रशासन ने पड़ावों पर धर्मशालाएं खुलवाने का दावा किया, लेकिन ये इंतजाम भी नाकाफी साबित हुए।

चारधाम यात्रा मार्ग पर सहायता के लिए करें संपर्क

– टोल फ्री नंबर -1077

– केदारनाथ धाम मार्ग

हेल्पलाइन- सेक्टर अधिकारी

केदारनाथ

द्वारिका पुरोहित-7500210018,

दिग्विजय सिंह-9690823813

बड़ी लिनचोली

उमेद खान-8755295444

भीमबली

देवेंद्र प्रसाद सेमवाल-9634387182

गौरीकुंड

अफजल -7417531716

सोनप्रयाग

दिवाकर डिमरी- 8958724899

जिला आपदा परिचालन केंद्र: 01364-233727, 8958757335

बदरीनाथ धाम मार्ग

जिला आपदा परिचालन केंद्र- 9068187120

यमुनोत्री-गंगोत्री धाम रूट

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र

91 73109 13129

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