देहरादून। प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में जल्द ही एमआरओ (मेंटिनेंस, रिपयेटर एंड ओवरहाल) सेंटर खोले जाएंगे, जहां हेलीकाप्टर का रखरखाव किया जा सकेगा। हेली कंपनियों के प्रस्ताव पर नागरिक उड्डयन विभाग ने देहरादून में सहस्रधारा और पंतनगर में एमआरओ केंद्र खोलने की तैयारी कर ली है। महानिदेशक नागरिक उड्डयन कार्यालय ने भी इसके सकारात्मक संकेत दिए हैं।
प्रदेश में धीरे-धीरे हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है। प्रदेश में क्षेत्रीय संपर्क उड़ान योजना के तहत 13 स्थानों से हेली सेवाएं स्वीकृत हैं। केंद्र सरकार ने इनमें से सात हवाई मार्गों पर हेली सेवा संचालन करने को मंजूरी प्रदान की है। हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिङ्क्षधया ने इनमें से चार हेली सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें देहरादून से गौचर, देहरादून से श्रीनगर, देहरादून से चिन्यालीसौड़ व देहरादून से अल्मोड़ा हेली सेवा शामिल रही।
इसके अलावा अभी धारचूला, हल्द्वानी, हरिद्वार, जोशीमठ, मसूरी, नैनीताल, नई टिहरी व रामनगर के लिए भी हवाई सेवाओं का संचालन किया जाना है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने उत्तराखंड सरकार को इन स्थानों पर हेली सेवा शुरू करने से पहले हेलीपोर्ट बनाने को कहा है, जिस पर काम चल रहा है। प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग के चार स्थानों से केदारनाथ के लिए हेली सेवाएं संचालित की जाती हैं। देहरादून से चारों धामों के लिए हेलीकाप्टर की व्यवस्था है। इसके अलावा गोङ्क्षवदघाट से हेमकुंड साहिब के लिए भी हेली सेवा का संचालन किया जाता है। इससे साफ है कि प्रदेश में हेली सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
प्रदेश में हेली सेवाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब हेली एजेंसियों ने हेलीकाप्टर के रखरखाव और इन्हें दुरुस्त रखने के लिए प्रदेश में एमआरओ खोलने में रुचि दिखाई है। अभी हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आने पर इन्हें दिल्ली समेत अन्य राज्यों के एमआरओ सेंटर में भेजा जाता है। उत्तराखंड में भी एमआरओ की स्थापना से न केवल हेली कंपनियों, बल्कि सरकार को भी राहत मिलेगी। इससे आपदा के दौरान यहां हेलीकाप्टर की उपलब्धता रहने की संभावना भी रहेगी।
सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि हेली कंपनियों ने एमआरओ सेंटर खोलने में रुचि दिखाई है। राज्य में देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड और पंतनगर के पुराने एयरपोर्ट में एमआरओ स्थापित किए जा सकते हैं। इस संबंध में केंद्र से लगातार चर्चा चल रही है।