उत्‍तराखंड में 27 जनवरी से पांच फरवरी तक चलेगी महा टीकाकरण अभियान

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देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग 27 जनवरी से पांच फरवरी तक महा टीकाकरण अभियान चलाएगा। इसके तहत 27 और 31 जनवरी को हर जिलों में महा टीकाकरण मेला लगेगा। इस दौरान 15 से 17 वर्ष आयुवर्ग को पहला टीका लगाने के साथ ही बचे हुए व्यक्तियों को टीकाकरण की दूसरी डोज और 60 वर्ष से अधिक आयु और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को प्रिकाशन डोज लगाई जाएगी। दस दिवसीय इस अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में 13.61 लाख व्यक्तियों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

मंगलवार को सचिव स्वास्थ्य डा पंकज कुमार पांडेय द्वारा इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में सभी पात्र व्यक्तियों को कोरोना टीकाकरण की पहली डोज लगाई जा चुकी है। अब फोकस दूसरी डोज, प्रिकाशन डोज और 15 से 17 वर्ष आयुवर्ग के टीकाकरण पर है। इसे देखते हुए 10 दिवसीय टीकाकरण महाभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि 27 और 31 जनवरी को महा टीकाकरण मेले आयोजित किए जाएंगे।

शेष दिनों में घर-घर दस्तक देकर पात्र व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा। अभियान के अंतिम दिन दिन यानी तीन से पांच फरवरी तक फिर से सभी स्थानों पर जाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र व्यक्तियों को टीका लगे । इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को महा वैक्सीनेशन मेले के दौरान टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित करके भी दिया है। इन दो दिनों में सभी जिलों में चार लाख टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पांच अधिकारियों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।

अनाथ बच्चों को जल्द मिलेगी सहायता राशि

कोरोना संक्रमण के कारण माता-पिता व अभिभावक खोने वाले सभी बच्चों को सहायता राशि जल्द मिलेगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने ऐसे सभी बच्चों का सर्वे कराकर उनका ब्योरा बाल स्वराज पोर्टल में अपलोड करने और उन्हें राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।

प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत कोरोना संक्रमण के कारण माता-पिता अथवा इनमें से एक या फिर अभिभावक खो चुके बच्चों को प्रतिमाह सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। राज्य में अभी तक 162 बच्चे ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो कोरोना के कारण माता-पिता को खो चुके हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चों की संख्या 3309 है, जिनके माता-पिता में से किसी एक का निधन कोरोना से हुआ है।

उच्चतम न्यायालय ने भी ऐसे बच्चों को आपदा राहत राशि प्रदान करने के आदेश दिए हैं। इस कड़ी में मुख्य डा एसएस संधु ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर ऐसे बच्चों के सर्वेक्षण के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास परियोजना व आइसीडीएस सुपरवाइजर की टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। यह टीम सर्वे कर ऐसे बच्चों का ब्योरा बाल स्वराज पोर्टल में अपलोड कराने के साथ ही यदि उन्हें राहत राशि नहीं मिली है तो तत्काल उपलब्ध कराएगी। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे सचिव आपदा प्रबंधन को भी इसकी सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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