देहरादून। राज्य के 7443 आंगनबाड़ी केंद्र को जुलाई 2020 के बाद से भवन किराया नहीं मिल पाया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने कई बार विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया, लेकिन स्थिति तस की तस है। ऐसे में इनमें कई केंद्र बंदी की कगार पर आ चुके हैं।
राज्य की बात करें तो कुल 14946 आंगनबाड़ी केंद्र जबकि 5220 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें 33717 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सेवारत हैं। इन केंद्रों में 7443 केंद्र किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में भवन किराया दिया जाता है, लेकिन वर्ष 2020 से किसी भी केंद्र के लिए बजट जारी नहीं हुआ। आंगनबाड़ी, कार्यकर्ती, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि बीते एक वर्ष से भवनों का किराया नहीं मिला है। ऐसे में मालिक भवन को खाली करने के लिए कह रहे हैं। बच्चों को कहां पढ़ाएं यह समस्या आ रही है। बीते दिनों विभागीय मंत्री रेखा आर्य के समक्ष भी यह समस्या रखी, जिस पर उन्होंने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन जब तक भुगतान नहीं होता आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के सामने हर दिन की परेशानी रहेगी। यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि संगठन के पास शिकायत आ रही है कि कई मकान मालिक ने केंद्र संचालित करने से रोका है तो कई जगह जल्द लंबित भुगतान की बात कही जा रही है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक एसके सिंह का कहना है कि हाल ही में विभाग की ओर से बजट जारी किया गया है, जो केंद्र छूट हैं, उन्हें भी बजट पहुंचाने की प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही भवनों को किराया मिल जाएगा।
इन जिलों में किराये पर संचालित हो रहे केंद्र
जिले- संचालित केंद्र
हरिद्वार-1726, देहरादून- 1171, ऊधमसिंह नगर- 1442, नैनीताल 730, पौड़ी- 624, अल्मोड़ा- 467, टिहरी- 454, उत्तरकाशी- 274, बागेश्वर- 152, रुद्रप्रयाग-146, चंपावत-138, पिथौरागढ़- 65, चमोली-54।