उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में उपनल के जरिए तैनात 22 हजार से अधिक कर्मचारियों को लेकर सरकार जल्द फैसला करेगी। इस संदर्भ में कैबिनेट की सब कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। वित्त व न्याय की राय के बाद जल्द इस रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मानसून सत्र के तीसरी दिन विधानसभा में कहा कि सरकार उपनल कर्मियों के हितों के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सब कमेटी के दौरान भी उपनल कर्मचारियों के पदाधिकारियों से राय ली गई है और जल्द सरकार कर्मचारियों के हित में कोई फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को उपनल कर्मियों की चिंता है और इसीलिए आदेश दिए गए हैं कि उपनल कर्मियों को हटाया न जाए। इसके साथ ही वाणिज्यकर विभाग से हटाए गए कर्मचारियों को भी दूसरे विभागों में उपनल कर्मी के रूप में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है।
बुधवार को धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार ने उपनल कर्मचारियों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें नियमित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मियों ने कोविड काल में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में कम वेतन पर उल्लेखनीय कार्य किया लेकिन सरकार उन्हें लगातार हटा रही है। उन्होंने समान कार्य के बदले समान वेतन के साथ ही सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए वाद को भी वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सरकार के दो-दो मंत्रियों के आश्वासन पर उपनल कर्मियों ने अपना आंदोलन समाप्त किया लेकिन आज तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के कदम से नाराज उपनल कर्मी फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार जल्द उपनल कर्मियों को नियमित करे और समान कार्य के बदले समान मानदेय दिया जाए।