देहरादून : उपनल अब पूर्व की भांति सिर्फ पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को ही सेवायोजित करेगा। यह व्यवस्था 31 मार्च के बाद लागू कर दी जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गढ़ी कैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में पूर्व सैनिकों की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। पूर्व सैनिकों को 13 दिसंबर को गुनियालगांव में होने वाले शहीद सम्मान यात्रा के समापन कार्यक्रम का निमंत्रण भी उन्होंने दिया।
सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सरहदों पर विषम परिस्थितियों में रह रहे जवानों और उनके स्वजन की देखभाल करना जहां सरकार की जिम्मेदारी है, वहीं पूर्व सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए भी राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। पूर्व सैनिकों को गृहकर में छूट व अन्य सुविधाएं नगर निगम क्षेत्र में तो दी जाती है, पर कैंट क्षेत्र में भी इसे लागू करने की पहल सरकार ने की है। शहीदों के स्वजन को राजकीय सेवा में समायोजित करने का काम सरकार कर रही है। आने वाली पीढिय़ों के लिए शहीदों के सर्वोच्च बलिदान की भावना को संप्रेषित करने की परिकल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी। इसके अनुसार राज्य में पांचवें धाम सैन्यधाम के निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
सैन्यधाम केनिर्माण में प्रयोग करने के लिए राज्य के 1734 शहीदों के आंगन की पवित्र माटी को एकत्रित करने के लिए शहीद सम्मान यात्रा निकाली जा रही है। कार्यक्रम में उपनल के एमडी ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (सेनि), बिग्रेडियर केजी बहल (सेनि), बिग्रेडियर मुकुल भंडारी (सेनि), कैप्टन राजेश वाधवान (सेनि), कैप्टन एनएन कुकरेती (सेनि), कमांडर गौतम नेगी (सेनि), कर्नल बीएम थापा (सेनि), कर्नल एसएस थापा (सेनि), कैप्टन डीपी बलूनी (सेनि), कैप्टन धनीराम नैनवाल (सेनि), कैप्टन केबी थापा (सेनि) आदि उपस्थित रहे।