ऋषिकेश। अगर उत्तराखंड सरकार ने ऋषिकेश एम्स के प्रस्ताव पर गौर किया तो सुदूर चमोली जिले के किसी गांव के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति के बीमार पिताजी भी हेली एंबुलेंस से सीधे एम्स पहुंच सकेंगे। एम्स प्रशासन ने अटल आयुष्मान योजना के तहत एयर एंबुलेंस सेवा को योजना में सम्मिलित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।
एम्स की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य की जनसंख्या, विषम भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा ग्रसित राज्य में चिकित्सा प्रबंधन अत्यंत संवेदनशील विषय है। आर्थिक तौर से कमजोर और बीमार लोगों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा अत्यन्त लाभकारी सिद्ध हो सकती है। लेकिन इस सुविधा का लाभ गांव के अंतिम व्यक्ति को तभी मिल सकता है, जब एयर एंबुलेंस सेवा को अटल आयुष्मान योजना के तहत शामिल किया जाए।
क्योंकि एयर एंबुलेंस का किराया वहन करना आम आदमी की जेब से बाहर है। यदि इस सुविधा को सरकार योजना में शामिल करती है तो राज्य के लोगों को इसका वास्तविक लाभ मिल सकेगा। स्वास्थ्य सेवाओं में ट्रॉमा, अंग प्रत्यारोपण, प्रसव, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक के अलावा आपदाओं के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा संजीवनी साबित हो सकती है। एम्स ऋषिकेश देश का पहला संस्थान है, जिसने अस्पताल परिसर में ही हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध कराई है। एम्स ऋषिकेश में 12 अगस्त 20 को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एयर एंबुलेंस हेलीपेड का उद्घाटन किया था। तब सीएम ने कहा था कि हेलीपैड की सुविधा से दूर-दराज के क्षेत्रों में आपदा के दौरान घायल और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को तुरंत हेली एंबुलेंस के जरिये एम्स पहुंचाया जा सकेगा।
अभी तक ऐसे मिलता है एयर एंबुलेंस सेवा का लाभ
राज्य के किसी हिस्से में दुर्घटना या आपात स्थिति में स्थानीय थाना पुलिस, पटवारी या सरकारी कर्मचारी द्वारा इसकी प्राथमिक सूचना जिलाधिकारी को दी जाती है। ऐसे में जिलाधिकारी तुरंत शासन या मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचना प्रेषित करने के साथ हेलीकॉप्टर की मांग करते हैं। इसके बाद शासन स्तर पर इसकी अनुमति प्रदान की जाती है। इसके बाद राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर या किराए के हेलीकॉप्टर के द्वारा संबंधित व्यक्ति को एयर लिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया जाता है। लेकिन यह सारी प्रक्रिया विशेष मौकों पर ही अपनाई जाती है। ऐसे में एक आम आदमी को हेली एंबुलेंस का लाभ किस प्रकार मिल पाएगा, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी प्रस्ताव मिलने पर करेंगे विचार
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि अटल आयुष्मान योजना में हेली एंबुलेंस सेवा को शामिल करने के लिए एम्स ऋषिकेश का प्रस्ताव मिलने पर इस पर विचार किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हेली एंबुलेंस सेवा की सुविधा है। इसके लिए पांच करोड़ बजट की व्यवस्था भी है।
संस्थान में इस सुविधा के शुरू होने से उत्तराखंड में ट्रॉमा पेशेंट के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, अंग प्रत्यारोपण और मातृ मृत्युदर को कम करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। यह एक जनहित का मामला है। सरकार यदि इस पर गंभीरता से विचार करती है तो राज्य के गरीब लोगों को भी हेल एंबुलेंस का लाभ मिल सकेगा।
– प्रो. रविकांत, निदेशक, एम्स ऋषिकेश
राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए इस सेवा से जोड़ने के उद्देश्य से ही हेली एंबुलेंस की परिकल्पना की गई थी। लेकिन यही तभी साकार हो पाएगी, जब सुदूर गांव में रहने वाले अंतिम व्यक्ति को इसका लाभ मिले। अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है।
– डॉ. मधुर उनियाल, एम्स के हेली सर्विसेस इंचार्ज और निदेशक एम्स के स्टॉप ऑफिसर