ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर चट्टान टूटने से राजमार्ग बाधित

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ऋषिकेश। ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर व्यासी के समीप चट्टान टूटने से राजमार्ग बाधित हो गया। इससे सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई। फिलहाल, मौके पर पोकलैंड मशीनों से मार्ग खोलने का काम जारी है।बताया जा रहा है कि करीब आधे घंटे में मार्ग सुचारू हो जाएगा।

दरअसल, सुबह साढ़े सात बजे के करीब ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर अटाली नामक स्थान पर अचानक बड़ी चट्टान टूटकर सड़क पर आ गई। इससे हाईवे बंद हो गया। मार्ग बंद होने से ऋषिकेश और श्रीनगर की ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस ने पोकलैंड मशीनों की मदद से मार्ग को खोलना शुरू किया। थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती आरके सकलानी ने बताया कि काफी हद तक मलबा हटा दिया गया है। करीब आधे घंटे बाद मार्ग पर यातायात सुचारू कर दिया जाएगा। बदरीनाथ मार्ग पर अभी ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य जारी है।

ऑलवेदर कटिंग कार्य से क्षतिग्रस्त पैदल रास्तों की नहीं हुई मरम्मत

कर्णप्रयाग-जोशीमठ राजमार्ग पर ऑलवेदर कटिंग कार्य राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना है। मार्ग पर रोजाना वाहनों से घंटों जाम लग रहा है। धूल के गुब्बार से निजात पाने के तमाम प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं, कई स्थानों पर कटिंग कार्य पूरा होने के बाद सड़क से लगे आवासीय भवनों तक जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हालत में है। भवन स्वामियों ने भवन तक जाने के पैदल मार्ग निर्माण की मांग कई बार एनएच अधिकारियों से की। लेकिन, अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

कालेश्वर निवासी सुरेश कुमार, रमेश लाल, राकेश लाल, दिनेश लाल ने कहा कि कटिंग के दौरान उनके आवासीय भवन को जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त है। दो माह से एनएच अधिकारियों से फरियाद लगा चुके हैं और एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता के समक्ष भी समस्या को रखा गया है। लेकिन, आज तक उनकी समस्या यथावत है। कहा कि रास्ता न होने से भवनों तक जाने के लिए छलांग लगानी पड़ रही है। सड़क से नीचे घर होने से रात में आवाजाही खतरे से खाली नहीं है।

रास्ता न होने से बीमार बुजुर्ग और महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल बना है। इसी तरह नगर क्षेत्र से लगे बरसाली में कई आवासीय भवन खतरे में हैं। भवन स्वामी एमएस रावत ने बताया कि ऑलवेदर कटिंग कार्य कर रही संस्था के अधिकारियों को कई बार सुरक्षा दीवार और नाली निर्माण बाबत कहा गया। लेकिन, आज तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जिससे वर्षाकाल में अब खतरे की आशंका बढ़ गई है। इस संबंध में एनएचआइडीसीएल के अवर अभियंता शशिकांत मणि ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान अधिकांश प्रवासी मजदूरों के अपने प्रदेश चले जाने से काम की रफ्तार कम हुई है। जल्द ही अवशेष कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।

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