ऋषिकेश में आज होगा अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव का आगाज

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उत्तराखंड के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत मसाला एवं सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद खेल मैदान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

16 से 18 नवंबर तक आयोजित महोत्सव का कृषि मंत्री सुबोध उनियाल मंगलवार को शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महोत्सव का समापन करेंगे। महोत्सव में गढ़वाली लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी गीतों की प्रस्तुति देंगे।

उत्तराखंड के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डॉ. हरमिंदर सिंह बवेजा ने पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य के प्रगतिशील मसाला एवं सब्जी उत्पादकों, कृषकों, विभिन्न शोध संस्थाओं विश्व विद्यालय के वैज्ञानिक प्रतिभाग करेंगे। जिसमें वे मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के संबंध में अपने अनुभव एवं ज्ञान बाटेंगे। महोत्सव में मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के प्रसंस्कृति उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

महोत्सव में औद्योगिक यंत्रों, मशीनों के उत्पादक फर्मों व कंपनियों, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से संबंधित प्रदर्शनी के लिए करीब 40 स्टॉल लगाए जाएंगे। निदेशक ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बेमौसमी सब्जी उत्पादन किया जाता है। 

महोत्सव से किसानों को मिलेगी नई तकनीकी जानकारी
महोत्सव में उत्तर प्रदेश, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, केरल, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के अलावा रूस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, सिंगापुर के मसाला एवं सब्जी विशेषज्ञ वर्चुअल माध्यम से किसानों को नई तकनीक के बारे में जानकारी देंगे। इसके साथ ही विभिन्न एग्रो कंपनियों की ओर से कृषि उपकरण, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, कीटनाशक, जैविक उर्वरक व अन्य उत्पादों पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

प्रति हेक्टेयर मसाला उत्पादकता में उत्तराखंड देश में अव्वल 
प्रति हेक्टेयर मसाला उत्पादन में उत्तराखंड देश अव्वल राज्य बन गया है। यहां प्रति हेक्टेयर  6.62 मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन होता है। सरकार की ओर से बागवानी मिशन के तहत मसाला व सब्जी की खेती के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। 

उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा ने कहा कि प्रदेश में मसाला व सब्जियों की खेती करने की काफी संभावना है। खास बात यह कि मसालों की खेती करने से किसानों के सामने जंगली जानवरों व बंदरों के नुकसान की समस्या नहीं रहेगी। 

उत्तराखंड में 0.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मसालों की खेती की जाती है। जिसमें 0.96 लाख मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन होता है। प्रति हेक्टेयर पर 6.62 मीट्रिक टन उत्पादकता के आधार पर उत्तराखंड का देश में पहला स्थान है। वहीं, प्रदेश में 0.99  लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 10.15 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।

मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टिहरी जिले में अदरक, पिथौरागढ़ में हल्दी, सल्ट में मिर्च का सेंटर आफ एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बैमौसमी सब्जी व मसाला उत्पादन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। जिससे पलायन में भी कमी आएगी। प्रदेश में यूरोपीय सब्जी और तुमडी आलू को बढ़ावा देने के लिए सब्जियों पर आधारित सेंटर आफ एक्सीलेंस का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। 

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