ऋषिकेश। त्रिवेणी घाट में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की ओर से बनाए जा रहे जूता घर तोड़े जाने के मामले में विभागीय अवर अभियंता ने कोतवाली में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू करते हुए घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच शुरू कर दी है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल को भी जांच में शामिल किया गया है।
त्रिवेणी घाट सौंदर्यीकरण योजना के तहत एमडीडीए की ओर से त्रिवेणी घाट में मुख्य द्वार उसके समीप जूता घर, पूजा डेक, आरती स्थल का विकास आदि कार्य किए जा रहे हैं। प्राधिकरण की ओर से जहां यह जूता घर बनाया गया है उसके समीप ही देवी का मंदिर है। स्थानीय संस्थाओं ने जूता घर को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग प्राधिकरण से की थी। बीते पांच अगस्त को एमडीडीए की ओर से बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज के अनावरण कार्यक्रम में नगर निगम महापौर ने जन भावनाओं के विपरीत बने जूता घर को यहां से हटाने की चेतावनी संबंधित अधिकारियों को दी थी।
इसके तीसरे दिन आठ अगस्त की तड़के यहां जेसीबी चलाकर विवादित जूता घर को ध्वस्त कर दिया गया था। प्राधिकरण सचिव हरवीर सिंह ने इस मामले में एसएसपी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। अब प्राधिकरण अवर अभियंता अनुज कुमार पांडे की ओर से कोतवाली ऋषिकेश में संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दर्ज रिपोर्ट में अवर अभियंता ने अवगत कराया कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की ओर से त्रिवेणी घाट पर कार्य कराया जा रहा था। चार जून 2020 को यह निर्माण कार्य एमडीडीए को हस्तांतरित किया गया था। अवर अभियंता ने तहरीर में कहा कि पांच अगस्त को तिरंगा अनावरण कार्यक्रम में दो दिन के भीतर इस निर्माण को तोड़े जाने की चर्चा की गई थी। आठ अगस्त को जूता घर के स्ट्रक्चर को अज्ञात व्यक्तियों ने तोड़ दिया है। पुलिस ने इस मामले में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि घटनास्थल से संबंधित इंटरनेट मीडिया में जारी वीडियो और फोटो सहित घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की जा रही है। जिसके आधार पर निर्माण को तोड़े जाने में प्रयुक्त वाहन व अन्य व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।