एक जुलाई से आबकारी महकमे को आनलाइन करने की तैयारी

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देहरादून। आबकारी विभाग अब किसी भी तरह की हेराफेरी रोकने के लिए सारी व्यवस्था आनलाइन करने जा रहा है। इसमें दुकानों के आवेदन से लेकर शराब की सप्लाई तक सारी व्यवस्था आनलाइन की जाएंगी। इसके लिए तकरीबन सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एक जुलाई से इस व्यवस्था को आनलाइन करने की तैयारी है। प्रदेश में आबकारी सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल है। विभाग का इस वर्ष का राजस्व लक्ष्य 3500 करोड़ रुपये का है। विभाग के सीधे राजस्व से जुड़े होने के कारण इसकी कार्यप्रणाली को लेकर समय-समय पर सवाल भी उठते रहे हैं। चाहे वह मामला दुकानों के लाइसेंस का हो अथवा बार के लाइसेंस का। इसके अलावा शराब की सप्लाई को लेकर भी गड़बड़ी की आशंका जताई जाती रही है। इसे देखते हुए लंबे समय से विभाग की सारी व्यवस्था पारदर्शी बनाने के लिए सभी कार्य आनलाइन करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है।

लंबी कसरत के बाद विभाग ने आनलाइन व्यवस्था के लिए एनआइसी के सहयोग से एक साफ्टवेयर भी तैयार किया गया। इस साफ्टवेयर के जरिये दुकानों व बार के आवंटन के आवेदन आनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही शराब की सप्लाई करने वाले वाहनों पर भी ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली लागू करने की व्यवस्था भी साफ्टवेयर में की गई है। इसके लिए शराब की आपूर्ति में लगे वाहनों में जीपीएस लगाया जा रहा है।

इससे वाहनों की गोदाम से लेकर दुकानों तक किए जा रहे सप्लाई के काम पर सीधे विभाग की नजर रहेगी। इसके साथ ही शराब की दुकानों से बिक्री पर भी आनलाइन नजर रखने की तैयारी है।

आयुक्त आबकारी सुशील कुमार का कहना है कि साफ्टवेयर बनाने का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। विभाग एक जुलाई से सारी व्यवस्था को आनलाइन करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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