देहरादून । देहरादून जिले में हजारों युवाओं की स्कॉलरशिप पर एक नियम की वजह से खतरा पैदा हो गया है। समाज कल्याण विभाग ने इस साल से कॉलेज की संबद्धता का प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है लेकिन कॉलेजों के पास यह प्रमाण पत्र ही नहीं है।दरअसल, समाज कल्याण विभाग ने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वह अपने कॉलेज को मिली हुई संबद्धता का प्रमाण पत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दें। इसके लिए 25 अक्तूबर अंतिम तिथि तय की गई थी। बावजूद इसके कॉलेजों ने प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किए। जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय या उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेजों को अभी तक संबद्धता का प्रमाण पत्र ही जारी नहीं किया गया है।
इनकी फाइलें या तो शासन में लटकी हुई हैं या फिर विवि स्तर पर ही लंबित हैं। समाज कल्याण अधिकारी जीत सिंह रावत की ओर से जारी पत्र में साफ किया गया था कि अगर संबद्धता प्रमाण पत्र नहीं होगा तो छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। लिहाजा, इस नियम की वजह से हजारों की संख्या में छात्र स्कॉलरशिप से वंचित होने जा रहे हैं। गत वर्ष पूरे जिले में करीब 8500 युवाओं को छात्रवृत्ति दी गई थी। इस साल भी यह संख्या इसी के आसपास रहने का अनुमान है।
इनका सपना रह सकता है अधूरा
समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ी जाति के छात्रों को यह छात्रवृत्ति दी जाती है।
यूटीयू ने हाल ही में बैठाई है जांच
उत्तराखंड तकनीकी विवि ने हाल ही में कॉलेजों की संबद्धता के मामले में जांच बैठाई है। जांच पूरी होने तक संबद्धता का प्रमाण पत्र जारी होना मुश्किल है। ऐसे में तकनीकी कोर्स कर रहे छात्रों के लिए राह और मुश्किल होगी।
समाज कल्याण विभाग ने इस साल से जो नियम लागू किया है, उसकी वजह से काफी संख्या में छात्र स्कॉलरशिप से वंचित होने जा रहे हैं। इसके लिए या तो विवि स्तर पर संबद्धता प्रमाण पत्र जारी हों या फिर सरकार इस दिशा में छात्रों को इस साल कोई राहत दे। – डॉ. सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट