एक लाख 32 सौ 35 चालक- परिचालक व क्लीनर को छह महीने तक मिलेंगे दो हजार रुपये

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उत्तराखंड के एक लाख तीन हजार 235 चालक, परिचालक और क्लीनर्स को राज्य सरकार छह माह तक हर महीने दो-दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। सोमवार को परिवहन सचिव डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

प्रदेश में सार्वजनिक सेवायानों कांट्रेक्ट कैरेज बस, कांट्रेक्ट कैरेज टैक्सी, मैक्सी कैब, कांट्रेक्ट कैरेज ऑटो रिक्शा, कांट्रेक्ट कैरेज विक्रम और ई-रिक्शा से जुड़े एक लाख तीन हजार 235 चालक, परिचालक और क्लीनर पंजीकृत हैं। कोरोना महामारी के दौरान कोविड कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंधों की वजह से ये सभी प्रभावित हुए हैं। इन सभी के लिए राज्य सरकार ने छह माह तक दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का आदेश जारी किया है।

शासनादेश के मुताबिक यह सहायता राशि इन सभी के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से भेजी जाएगी। इन सभी के पंजीकरण की पुष्टि करते हुए यह धनराशि आरटीओ, एआरटीओ द्वारा जिलाधिकारियों के माध्यम से लाभार्थी को दी जाएगी। इस योजना के तहत आने वाला 123 करोड़ 88 लाख 20 हजार का खर्च मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा।

तीन हजार से ज्यादा कर्मचारियों को आधे से कम वेतन पर नाराजगी
उत्तराखंड परिवहन निगम के तीन हजार से ज्यादा संविदा, विशेष श्रेणी एवं तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारियों को आधे से भी कम वेतन मिलेगा। इस पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने विरोध जताया है। यूनियन ने इस संबंध में रोडवेज के प्रबंध निदेशक को ज्ञापन भेजा है।

यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि परिवहन निगम ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि चालक, परिचालक को 17,318 से लेकर 21,385 रुपये तक भुगतान किया जा रहा है जबकि तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारियों को 13,165 से लेकर 14,303 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।

चूंकि, कोविड कर्फ्यू के दौरान रोडवेज बसों का संचालन सुचारु नहीं था, इसलिए इनके किलोमीटर भी कम हो गए। परिवहन निगम ने कर्मचारियों को 9484 रुपये का भुगतान किया है। जो कि श्रम नीतियों और हाईकोर्ट में किए गए वादे के विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि इस वजह से तीन हजार से अधिक रोडवेज कर्मचारियों पर आर्थिक संकट आ गया है। उन्होंने प्रबंध निदेेशक से मांग की है कि अप्रैल से जून तक का वेतन हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के हिसाब से भुगतान किया जाए।

 

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