कोविड के केस कम होने के साथ ही कोविड में प्रयोग होने वाली दवाओं की बिक्री भी 50 प्रतिशत से भी ज्यादा घट गई है। अप्रैल की शुरुआत से ही कोविड के केस बढ़ने लगे थे। दूसरी लहर में लोग संक्रमित भी अधिक हुए और उनकी हालत भी अधिक बिगड़ने लगी। मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था। रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार में खोजे नहीं मिल रहा था।एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइकिलन जैसे एंटीबायोटिक इंजेक्शन की भी किल्लत हो गई थी। अस्पतालों में लोगों को बेड तक नहीं मिल पा रहे थे। कोविड में प्रयोग होने वाली दवाओं का कारोबार भी आसमान छू रहा था।
खून पतला करने वाले इंजेक्शन की अभी भी कमी
कोविड मरीजों में रक्त के थक्के न जमे इसके लिए डॉक्टर खून पतला करने वाले इंजेक्शन का प्रयोग कर रहे हैं। बाजार में इस इंजेक्शन की मांग कम होने के बाद भी कमी बनी हुई है। लोग इंजेक्शन के लिए परेशान हो रहे हैं। हालांकि खून पतला करने वाली कुछ टैबलेट बाजार में मौजूद हैं। दवा के थोक विक्रेता चंद्रशेखर दानी ने बताया कि ब्लैक फंगस का इंजेक्शन भी बाजार में नहीं है और लोग परेशान हो रहे हैं।
कोविड के केस अधिक बढ़ने के कारण दवाओं की बिक्री बहुत अधिक बढ़ गई थी। पिछले एक सप्ताह से दवाओं की मांग कुछ कम हुई है और लोग कम आ रहे हैं। दवाओं की कमी भी दूर हो रही है।