देहरादून। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में नियुक्ति में अनियमितता मामले में उत्तराखंड महिला मंच से जुड़ी महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
उत्तराखंड महिला मंच की प्रदेश संयोजक कमला पंत के नेतृत्व में मंच से जुड़ी महिलाएं सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर एकत्र हुई। यहां ऋषिकेश एम्स प्रशासन और सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान महिलाओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कमला पंत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर एक ही राज्य के 600 युवाओं को नियुक्ति देने का मामला सामने आया है। अन्य राज्यों से इस तरह नियुक्ति हो रही, जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार सड़क पर घूम रहे हैं।
जिला संयोजक निर्मला बिष्ट ने कहा कि राज्य निर्माण के दौरान यहां के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने का सपना देखा गया था, लेकिन जिस तरह से गुपचुप और गलत तरीके से नियुक्ति की जा रही है, इससे उत्तराखंड का युवा निराश है। उन्होंने कहा कि यदि इस माममे में शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ सड़कों पर उतरकर विरोध किया जाएगा। इस मौके पर कौशल्या चौहान, रजनी, बीना डंगवाल, शांति उप्रेती, सरोज चौहान आदि मौजूद रहे।