ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रो. रवि कांत के निर्देश पर सामान्य रोगों से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए सभी विभागों की ओपीडी संचालित की जाने लगी हैं। कोविड-19 के चलते स्थगित की गई कई विभागों की ओपीडी सेवाओं के दोबारा शुरू होने से अब संबंधित मरीजों को उक्त सभी उपचार सुविधाएं मिलने लगी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की कम रफ्तार की स्थिति में इन दिनों विभिन्न रोगों से ग्रसित रोगियों ने स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज के लिए अस्पतालों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। कोविड-19 के चलते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। पूर्ण लॉकडाउन के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश में भी ओपीडी संबंधी व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया था।
अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने और अनलॉक की घोषणा के बाद स्थगित चल रहे कुछ महत्वपूर्ण विभागों की ओपीडी शुरू की गई। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया मरीजों को वैश्विक स्तर की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होगी ओपीडी
डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि इलाज के अभाव में मरीज परेशान नहीं हों, लिहाजा ओपीडी व्यवस्थाओं में भी सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए एम्स आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल के मुख्य प्रवेशद्वार पर ही पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है। इस रजिस्ट्रेशन सेंटर से टोकन प्राप्त करने के बाद मरीज नॉन कोविड एरिया में आकर अपना नंबर आने पर ओपीडी में उपलब्ध चिकित्सकों से अपना परीक्षण करा सकते हैं।
प्रो. मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में सामान्य विभागों के अलावा जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक, ऑर्थोपैडिक, सर्जिकल ओंकोलॉजी, मेडिकल ओंकोलॉजी, डर्मिटोलॉजी, ईएनटी, यूरोलॉजी, पीएमआर, मनोचिकित्सा, पल्मोनरी मेडिसिन आदि विभागों के चिकित्सक एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन सुबह 8ः30 बजे से मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी जांच के लिए उपलब्ध है।
मरीजों को अपनी बारी आने के इंतजार के लिए किसी तरह की परेशानी उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए सभी जरुरी इंतजामात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोविडकाल में इन दिनों प्रतिदिन लगभग 500 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं।