देहरादून। उत्तराखंड जल निगम एससी एसटी इम्पलाईज एसोसिएशन ने जल निगम मैनेजमेंट पर एससी एसटी इंजीनियरों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। सचिव पेयजल को भेजे पत्र में नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एसोसिएशन के महासचिव सुनील कुमार ने कहा कि अधिकारी राज्य सरकार समेत कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। 2022 में जूनियर इंजीनियर सिविल की नियुक्तियों में एससी एसटी के 35 कम पदों पर नियुक्तियां की गई। जो सीधे तौर पर आरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। इन भर्तियों के नियुक्ति पत्र में नियुक्ति अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर ज्येष्ठा निर्धारण नियमावली के विपरीत शर्ते तय की। इसके लिए शासन की स्वीकृति भी नहीं ली गई। इससे भविष्य में एससी एसटी इंजीनियरों को सेवा से जुड़े नुकसान होंगे।
राज्य सरकार ने सीधी भर्ती आरक्षण रोस्टर के अनुसार किए जाने का आदेश जारी किया है। इसके बाद भी नियुक्तियां आरक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं की गई। निगम ने भर्ती एजेंसी को शासन से मंजूर रोस्टर उपलब्ध नहीं कराया। इससे सीधी भर्ती नियमावली की अवहेलना हुई है। निगम स्तर से जनबूझ कर एससी एसटी को नुकसान पहुंचाया गया है। 2005 से अभी तक इंजीनियरों को प्रमोशन से दूर रखा गया है। प्रत्यावेदनों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर इंजीनियरों में रोष व्याप्त है। जल्द न्याय न मिलने पर आंदोलन तय है।