देहरादून। सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रस्तावित बुद्धि-शुद्धि यज्ञ को उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन ने स्थगित कर दिया है। फेडरेशन ने कहा कि शनिवार को कैबिनेट में पदोन्नति में आरक्षण का विषय चर्चा के लिए न रखे जाने से साफ हो गया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं करना चाहती। ऐसे में सरकार की कोरोना को लेकर की गई अपील के मद्देनजर बुद्धि-शुद्धि यज्ञ कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। लेकिन, सरकार ने किसी से उनके हितों की अनदेखी करने का प्रयास किया तो वह चुप नहीं बैठेंगे।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करमराम ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण बरकरार रखने की मांग पूरी तरह से कर्मचारियों से संबंधित है। मगर कोरोना को लेकर जो हालात बन रहे हैं, उससे आम जन का हित और उनकी सुरक्षा व सेवा सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है। वहीं, सरकार ने शनिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में पदोन्नति में आरक्षण का जिक्र न करके सकारात्मक संदेश दिया है। इसे देखते हुए मान लिया गया है कि सरकार उन्हें लेकर गंभीर है, लिहाजा बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का कार्यक्रम कुछ समय के स्थगित कर दिया गया है। करमराम ने कहा कि रविवार को रुड़की में प्रस्तावित सम्मेलन को रद कर दिया गया है। अब हमारी प्राथमिकता जनता की सेवा है। उन्हें कोरोना के कहर से बचाने के लिए एससी-एसटी कार्मिक पूरी तल्लीनता से कार्य करेंगे।
रुद्रप्रयाग में टिप्पणी पर बिफरा संगठन
एससी-एसटी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करमराम ने कहा कि रविवार को जनरल ओबीसी कार्मिकों की ओर से निकाली गई बाइक रैली के दौरान रुद्रप्रयाग में एससी-एसटी कार्मिकों पर अशोभनीय टिप्पणियां की गईं। यह उचित नहीं है। हमारी जिला प्रशासन से मांग है कि इसकी जांच कराई जाए और जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
राष्ट्रीय सम्मेलन पर भी कोरोना संकट
22 मार्च को प्रस्तावित फेडरेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन पर भी कोरोना का संकट छाने लगा है। करमराम ने बताया कि सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतों से कर्मचारी नेताओं को आना है। लेकिन कोरोना को लेकर जो माहौल बन रहा है, उससे चिंता बढ़ गई है। सोमवार को इस संबंध में फेडरेशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सम्मेलन को स्थगित करने या उसका स्वरूप छोटा करने पर विचार किया जाएगा।