देहरादून। ऑटो में प्रीपेड मीटर अनिवार्य होने के आदेश के बाद पुलिस के अभियान से ऑटो संचालकों में हड़कंप है। प्रीपेड मीटर लगवाने को लेकर एजेंसियों पर ऑटो की लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन एजेंसियों पर प्रीपेड मीटर नहीं मिल रहे हैं।
इसके अलावा कई एजेंसियों से घटिया मीटर लगाने के अलावा कालाबाजारी की बात सामने आ रही है। ऑटो संचालकोें का आरोप है कि कई एजेंसियों से घटिया किस्म के मीटर मंहगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।
ऑटो यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि यह बात संज्ञान में आयी है कि कई एजेंसी वाले घटिया किस्म के मीटर बेच रहे हैं। इसके अलावा 800 रुपये का मीटर 3000 रुपये में बेचा जा रहा है। इन एजेंसियों द्वारा प्रीपेड मीटर का बिल व वारंटी कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।
बता दें, परिवहन विभाग की ओर से सभी ऑटो में प्रीपेड मीटर लगाने की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार राजधानी की सड़कों पर फर्राटा भर रहे 2350 ऑटो में से सिर्फ एक चैथाई में ही मीटर लगाए जा सके हैं।
वहीं बगैर प्रीपेड मीटर के ही ऑटो दौड़ रहे संचालकों की मांग है कि पहले परिवहन विभाग 2013 में लागू किराए की दरों में बढ़ोतरी करे, इसके बाद ही प्रीपेड मीटर लगवाए जाएं। इस संबंध में आरटीओ की ओर से प्रस्ताव संभागीय परिवहन प्राधिकरण को भेजा गया है।
बहरहाल इस बीच एसएसपी अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर पुलिस ने प्रीपेड मीटर को लेकर विशेष जांच अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 200 से अधिक ऑटो का चालान भी किया जा चुका है। पुलिस की कार्रवाई को लेकर ऑटो संचालकों में हड़कंप की स्थिति है।
ऐसे में ऑटो संचालक प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए संबंधित एजेंसियों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन मीटरों की कमी और गुणवत्ता खराब होने की शिकायतें मुसीबत बन गई हैं। राजपुर कैनाल रोड स्थित एक एजेंसी पर मंगलवार को ऑटो संचालकों की लंबी कतार देखने को मिली।
ऑटो यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि परिवहन व पुलिस विभाग ने प्रीपेड मीटर को लेकर जांच अभियान तो शुरू कर दिया है, लेकिन मीटरों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पूरे शहर में प्रीपेड मीटर की कमी है और कई एजेंसी संचालक मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं।