प्रदेश में किसी व्यक्ति या संस्था को ऑनलाइन टैक्सी सेवा का संचालन करना है, तो उसे इसके लिए अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा। ऑनलाइन टैक्सी सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए परिवहन विभाग ने पहली बार उत्तराखंड ऑन डिमांड (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी परिवहन नियमावली का प्रस्ताव तैयार किया है।आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नियमावली के तहत विभाग आपत्ति मांगे जाने की प्रक्रिया पूरी कर चुका है और कैबिनेट के अनुमोदन के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। विभाग ने मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियमावली तैयार की है। ये नियमावली राज्य में ऑनलाइन कैब बुकिंग संचालन एजेंसियों पर लागू होगी।
लाइसेंस होगा अनिवार्य
ऑनलाइन टैक्सी सेवा के संचालन के लिए परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नियमावली लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति तब तक एग्रीगेटर के रूप में कार्य नहीं करेगा, जब तक उसने लाइसेंस प्राप्त नहीं कर लिया हो।
इसके दायरे में वे सभी एजेंट आएंगे जो फोन या वेब आधारित एप्लीकेशन के माध्य से यात्री परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराने का कारोबार करते हैं। नियमावली में लाइसेंस देने या उसके नवीनीकरण का आवेदन शुल्क पांच हजार रुपये रखा गया है। इसके अलावा साढ़े पांच वर्ष के लिए 10 लाख रुपये की बैंक गारंटी का भी प्रस्ताव है। नियमों की अनदेखी करने की स्थित में ये बैंक गारंटी जब्त हो जाएगी।
मोबाइल फोन पर देनी होगी यात्रा किराया की रसीद
नियमावली में यह प्रावधान भी किया गया है कि यात्रा की दूरी, समय मीटर और किराया आदि के बारे में यात्रियों के लिए एक सूचना तंत्र बनाया जाएगा। यात्रा के प्रारंभ से लेकर गंतव्य तक के पूरे विवरण समेत एक रसीद भी ईमेल या मोबाइल फोन पर देनी होगी।
ग्राहकों व चालकों के लिए कॉल सेंटर होगा
सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी को लाभ लेने वाले ग्राहकों व चालकों के लिए एक कॉल सेंटर उस अवधि तक संचालित करना होगा, जिस अवधि तक सेवाएं देेने का प्रावधान किया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रस्तावित नियमावली में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। एजेंसी वाहन चालक की पहचान सुनिश्चित करेगी। मोबाइल एप्लीकेशन में ऐसा तंत्र विकिसत होगा, जो यात्रियों को उनके सुरक्षा नेटवर्क के भीतर न्यूनतम दो व्यक्तियों से उनकी स्थिति साझा करने की सुविधा उपलब्ध कराएगा।
पुलिस सत्यापन के माध्यम से प्रत्येक चालक की आपराधिक पृष्ठभूमि जानी जाएगी। किसी बीमार व्यक्ति को सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकेगा। यात्रा के दौरान हार्ट अटैक, ब्रैन स्ट्रोक या अन्य घातक स्थिति पैदा होने पर चालक यात्री को नजदीकी अस्पताल ले जाएगा। नशे में वाहन चलाने की शिकायत पर चालक की प्लेटफार्म पर पहुंच को तत्काल रोक दिया जाएगा। ये रोक जांच तक बनी रहेगी।